Navratri Puja: नवरात्रि पूजा मंत्र
जय माता दी……..दुर्गापूजन का आरंभ कलश स्थापना से शुरू हो जाता है अत: यह नवरात्र घट स्थापना प्रतिपदा तिथि को किया जाता हैं.आश्विन शुक्ल पक्षकी प्रतिपदा तिथि के दिन प्रात: स्नानादि से निवृत हो कर संकल्प {प्रतिज्ञा} लिया जाता है…! –:घट स्थापना की विधि:– पवित्र स्थान की मिट्टी से वेदी बनाकर उसमें जौ,गेहूं आदि सप्त […]
Magha Shraddha 2023: मघा नक्षत्र श्राद्ध
पितृभ्य नमः….ज्योतिष शास्त्र में मघा नक्षत्र दसवां नक्षत्र होता है. मघा नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता पितर होते हैं. मघा नक्षत्र के स्वामी केतु को माना गया है. इसलिए इस नक्षत्र का होना श्राद्ध समय के दौरान अत्यंत ही शुभ प्रभाव वाला होता है. मघा नक्षत्र का संबंध पितर और केतु से आने के कारण ही […]
Mahalaya Amavasya: महालय/सर्वपितृ श्राद्ध विशेषांक
ॐ पितृ दैवतायै नम: ….सनातन धर्म शास्त्रों में मनुष्य के तीन ऋण कहे गए हैं :- देव ऋण,गुरु ऋण और पितृ ऋण,इनमें से पितृ ऋण को श्राद्ध करके उतारना आवश्यक है,शास्त्रों में कहा गया है कि जिन माता-पिता ने हमारी आयु,आरोग्यता और सुख-सौभाग्य की वृद्धि के लिए अनेक प्रयास किए, उनके ऋण से मुक्त होने […]
Shradh 2023: श्राद्ध कर्म की प्रामाणिक विधि एवं महत्व
पितृभ्य नमः….प्रतिवर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक का समय श्राद्ध कर्म के रुप में जाना जाता है. इस वर्ष 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक पितृ पक्ष रहेगा.इस पितृपक्ष को अवधि में पूर्वजों के लिए श्रद्धा पूर्वक किया गया दान तर्पण रुप में किया जाता है. पितृपक्ष पक्ष को महालय […]
Saubhagyavatinaam Shraddha: सौभाग्यवतीनाम श्राद्ध
ऊं पित्रेश्वराय नमः…श्राद्ध पक्ष /पितृ पक्ष की नवमी तिथि को सौभाग्यवती नवमी श्राद्ध किया जाता हैं,इस अवसर पर ऐसे श्राद्धकर्ता अपनी दिवंगत माताओं का श्राद्ध कैट हैं,जिनके पिता जीवित हैं,अथवा माता के मृत्यु के पश्चात् पिता की मृत्यु हुई हो.अतैव सौभाग्यवती स्त्री का श्राद्ध हमेशा नवमी तिथि में ही किया जाता है,भले ही मृत्यु की […]