जय माता दी….. नवरात्र में श्रद्धा और भक्ति से मां की आराधना करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं,नवरात्र के सभी दिन शुभ हैं,माना जाता है कि इन दिनों देवी मां हमारे घर में आती हैं,निम्न वास्तु उपायों को अपनाकर हम अपनी पूजा को और सार्थक कर सकते हैं….!
मां दुर्गा के नौ रूप,नौ ग्रहों से जुड़े हुए हैं,हर ग्रह माता के किसी न किसी रूप का प्रतिनिधि ग्रह है, ग्रहों की शांति के लिए मां दुर्गा के विभिन्न रूपों का पूजन करना चाहिए,नवरात्र में अपने घर और घर के मुख्य दरवाजे पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें….!
माना जाता है कि नवरात्र पर मां की विधिवत पूजा करने से किसी भी तीर्थ यात्रा के समान पुण्य प्राप्त होता है,वास्तुशास्त्र में ईशान यानी उत्तर-पूर्व दिशा को पूजा स्थल के लिए सर्वोत्तम स्थान बताया गया है,इस दिशा में पूजा स्थल के रूप में प्रयोग में लें….!
नवरात्र के पावन नौ दिनों में कन्याओं को भेंट एवं उपहार देने चाहिए,कन्याओं को लाल पुष्प,मीठे फल,खीर,हलवा,वस्त्र,शृंगार सामग्री देना शुभ होता है,मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए कन्याओं को शिक्षण सामग्री का उपहार देना चाहिए,नवरात्रों में प्रतिदिन देवी सूक्त का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं…..I
——:”माँ कालरात्रि”:——-
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है कालरात्रि,मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं,इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है,मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए,इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं,मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है,जीवन की हर समस्या को पलभर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है,शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती है……..।
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