व्रत कथा

व्रत कथा: भारत को अनेकता में एकता दर्शाने वाला देश कहा जाता है। यहां पर सर्वधर्म स्वभाव की संस्कृति अपनाई जाती है। प्रत्येक तीज-त्योहार को खुशियों के साथ मनाया जाता है। फिर चाहे वो दीवाली हो या रमदान, क्रिसमस हो या गुरुपर्व सभी को प्रेम भाईचारे के साथ मनाने की परंपरा है। कुछ त्योहार ऋतु औऱ मौसम के अनुसार मनाए जाते हैं औऱ कुछ पर्व किसी घटना विशेष की वजह से मनाए जाते हैं। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि देश में हर दिन कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। ये सभी पर्व किसी विशेष वर्ग, जाति, सम्प्रदाय द्वारा संपन्न किया जाते हैं।

त्योहारों का हमारे जीवन में बहुत खास महत्व है. प्रत्येक त्योहार हिंदू पंचाग के अनुसार, सामाजिक परिपेक्ष से नहीं बल्कि प्राकृतिक परिपेक्ष के आधार पर मनाए जाते हैं। वहीं किसी भी त्योहार को मनाने के पीछे कोई न कोई पौराणिक कथा अवश्य जुड़ी होती है और बिना कथा के कोई भी व्रत को पूरा नहीं माना जाता है। इसके अलावा हर त्योहार को मनाने के पीछे कई दंतकथाएं और पौराणिक व्रत कथाओं (Vrat Katha)जुड़ी होती हैं।