Khagras Chandra Grahan: खण्डग्रास चन्द्रग्रहण

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

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ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः……इस वर्ष शरद पूर्णिमा के पावन/पवित्र शुभ अवसर पर चंद्र ग्रहण का साया है.28/29,अक्टूबर की मध्य रात्रि सम्पूर्ण भारत वर्ष में यह खण्डग्रास के रूप में दिखाई देगा,यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र एवं मेष राशि में घटित होगा.!

कब लगता है चंद्रग्रहण..? पूर्णिमा के दिन जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है. इससे चंद्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय हो जाता है और इस स्थिति में जब हम धरती से चांद को देखते हैं तो वह भाग हमें काला दिखाई पड़ता है. इसी वजह से इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है.!
इस चंद्र ग्रहण में चन्द्रबिम्ब दक्षिण की और से ग्रस्त दिखाई देगा,यह खण्डग्रास चंद्र ग्रहण भारत के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिआ,सम्पूर्ण एशिया,यूरोप अफ्रीका,अमेरिका के लगभग सभी प्रांतों के अतिरिक्त कनाडा,हिन्द महासागर के अतिरिक्त कई देशों में दिखाई देगा.!

-:खण्डग्रास चंद्र ग्रहण अवधी:-
ग्रहण सूतक 28 अक्टूबर सायंकाल 16 बजकर 05 मिनट से प्रारम्भ हो जायेगा.!
ग्रहण स्पर्श -:- 25 बजकर 05 मिनट से {01:05,AM}.!
ग्रहण मध्य -:- 25 बजकर 44,मिनट {25:44,AM}.!
ग्रहण समाप्त -:- 26 बजकर 24 मिनट पर {02:24,AM}.!
ग्रहण की कुल अवधी 01 घण्टा 19 मिनट के लगभग.!

नोट :- भारत में 28/29,अक्टूबर की मध्यरात्रि 25 बजकर 05 मिनट पर जब यह चंद्र ग्रहण आरम्भ होगा,उस समय सम्पूर्ण भारत देश में चन्द्रोदय होचुका होगा.अतैव इस ग्रहण के सुतकादि सभी विषयों के विचार करना होगा,अर्थात भारत वर्ष में यह सभी मान्य होंगे.!

-:ग्रहण अवधी में भूलवश भी न करें यह काम:-
-:ग्रहण काल में व्यक्ति को मूर्ति स्पर्श,नाख़ून काटना,बाल काटना जैसे काम नहीं करना चाहिए.!
-:सूतक एवं ग्रहण काल में झूठ,कपट आदि बुरे विचारों से परहेज करना चाहिए.!
-:ग्रहण काल में मन तथा बुद्धि पर पड़ने वाले कुप्रभाव से बचने के लिए जप,ध्यानादि करना चाहिए.!
-:ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए,उस समय घर में रखा हुआ खाना या पेय पदार्थ उपयोग करने लायक नहीं होता है.!
-:इस समय बच्चे,वृद्ध,गर्भवती महिला या रोगी को खाना या दवा लेने में कोई दोष नहीं लगता है.!

-:चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं न करें यह काम:–
01.ग्रहण को देखने से बचना चाहिए..!
02.चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए..!
03.सिलाई का काम करने से बचना चाहिए और ना ही चाकू से किसी फल या सब्जी को काटें..!
40.बिस्तर पे सीधे लेटना चाहिए,इस दौरान मन ही मन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें..!
5. ज्यादा मौन रहने का प्रयास करें,मस्तिष्क को शांत रखते हुए भगवान में ध्यान लगाएं..!

–:ग्रहण समाप्त होने पर क्या करें:-
01.ग्रहण लगने के बाद स्‍नान करना चाहिए जिससे सूतक का असर खत्म हो जाए.!
02.ग्रहण समाप्त होने पर स्नान करके मंदिर की मूर्ति को गंगा जल से धोकर स्वच्छ करें फिर पूजन और भगवान का भोग लगाकर दान करें और उसके बाद भोजन ग्रहण करें..

नोट :- अपनी पत्रिका से सम्वन्धित विस्तृत जानकारी अथवा ज्योतिष, अंकज्योतिष,हस्तरेखा, वास्तु एवं याज्ञिक कर्म हेतु सम्पर्क करें.!

ग्रहण का अर्थ होता हैं ग्रसित करना अर्थात जो दिया हैं उसे वापस ले लेना
प्रिय दर्शकों बुद्धिमान ब्यक्ति आपदा को अवसर में बदल देते हैं जबकि समय को कोशने वाले लोग अपनी आदत के अनुरूप आपदा में भी अपनी किश्मत को ही कोश्ते हैं.!
लेकिन आप आपदा में अवसर का लाभ उठाएं और साधना कीजिये

दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।

नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पित ‘Astro Dev’ YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook Pages पर प्राप्त कर सकते हैं.II

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