ॐ पितृगणाय विद्महे,जगत धारिणी धीमहि.तन्नो पितृो प्रचोदयात्।।
नमो नारायण……सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बतलाया गया हैं,चैत्र मास में पड़ने के कारण इस अमावस्या को चैत्र अमावस्या या भूतड़ी अमावस्या भी कहते हैं.वर्ष 2024 में यह अमावस्या 08 अप्रैल के दिन पड़ रही हैं इस वर्ष चैत्र अमावस्या सोमवार के दिन है जिस कारण इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जा सकता है.इस अमावस्या की धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक मान्यता है क्योंकि यह इस संवत की आखिरी अमावस्या होने वाली है.इसके अतिरिक्त इस अमावस्या तिथि पर जातकों को अपने पितरों का आशीर्वाद पाने का मौका भी मिल रहा है.जानिए इस दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए किन चीजों को दान में देना शुभ माना जाता है और इस दिन कौनसे कार्य अवश्य किए जाते हैं.!
-:’चैत्र अमावस्या’:-
चैत्र अमावस्या के दिन प्रातः उठकर किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने के लिए कहा जाता है,अपितु वे लोग जिनके आस-पास कोई नदी नहीं है वे मान्यतानुसार पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकते हैं.!
जिन लोगों के जीवन में पितृ दोष लगा हो या जो लोग पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हों उन्हें कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखने की आवश्यक्ता होती है. इस दिन पितरों की विशेष पूजा की जा सकती है जिससे घर में सुख-शांति का माहौल बने. इसके अलावा, पितरों की शांति के लिए किया गया दान इस दिन बेहद खास माना जाता है. चैत्र अमावस्या के दिन पितरों के लिए काले तिल का दान किया जा सकता है. माना जाता है कि ऐसा करने पर पितृ दोष दूर होता है और शनि देव भी प्रसन्न होते हैं.!
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