December 3, 2024 11:24 PM

Maa Durga Navami: श्रीदुर्गा नवमी

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram
Share on email
Share on print
Share on pinterest

जय माता दी………नवमी तिथि हिन्दू मास की नवीं तिथि. यह तिथि चन्द्र मास के दोनों पक्षों में आती है. इस तिथि की स्वामिनी देवी माता दुर्गा है. तथा साथ ही यह तिथि रिक्ता तिथियों में से एक है. इस तिथि के नाम के अनुसार इस तिथि में किए गए कार्यों की कार्यसिद्धि रिक्त होती है. यहीं कारण है, कि इस तिथि में समस्त शुभ कार्य वर्जित है.!
नवमी तिथि के शुक्ल पक्ष में शिव पूजन करना अशुभ माना गया है. इसके विपरीत कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि में शिव पूजन करना अनुकूल रहता है.!

-:’नवमी तिथि वार योग’:-
जिस मास में नवमी तिथि शनिवार के दिन आती है, उस दिन सिद्धिदा योग बनता है. सिद्धिदा योग अपने नाम के अनुसार फल देता है. अर्थात इस तिथि में किए गए सभी कार्यो में कार्यसिद्धि की प्राप्ति होती है.!

-:’नवमी तिथि में जन्मा जातक’:-
नवमी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति देवों का भक्त होता है. वह पुत्रवान होता है. विपरीत लिंग व धन दोनों के लिए महत्वकांक्षी होता है. वह व्यक्ति कई विद्याओं में निपुण होता है. इस तिथि में जन्मा जातक धनार्जन में कुशल होता है. व्यक्ति जोड़ तोड़ करते हुए जीवन में बहुत आगे तक पहुंच पाने में सफल भी होता है.!

जातक अपने भाई बंधुओं के प्रति प्रेम भाव रखने वाला होता है. अपने पिता एवं वरिष्ठ लोगों से सुख और सहयोग भी पाता है. गुढ़ रहयों के प्रति लगाव रखने वाला होता है. कठिन कामों को करने में समर्थ होता है. जातक अपने बाहुबल से विजय पाने की कोशिश करता है.!

नवमी तिथि में जन्मा जातक त्याग और समर्पण की भावनाओं से युक्त होता है. कई मामलों में दूसरों पर अधिकार जताने से भी नहीं चूकता है. अपनी विजय के लिए हर संभव कोशिशें करता है. प्रेम संबंधों के प्रति सामान्य भाव रखता है. अपने साथी के प्रति निष्ठा भी रखता है.!

नवमी तिथि को शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नही माना गया है. इस तिथि में कठोर कर्म करने की बात कहीम गई है. किसी भी प्रकार के युद्ध में विजय पाने के लिए ये तिथि अनुकूल मानी गई है. इसके साथ ही अन्य प्रकार के क्रूर कर्म जिनमें साहस की आवश्यकता होती है इस तिथि में किए जा सकते हैं. शिकार करना, वाद विवाद करना, हथियार का निर्माण करना जैसे काम इसमें किए जा सकते हैं.!

नवमी तिथि की स्वामी देवी दुर्गा हैं ऎसे में जातक को दुर्गा की उपासना अवश्य करनी चाहिए. जीवन में यदि कोई संकट है अथवा किसी प्रकार की अड़चनें आने से काम नही हो पा रहा है तो जातक को चाहिए की दुर्गा सप्तशती के पाठ को करे और मां दुर्गा से अपने जीवन में आने वाले संकटों को हरने की प्रार्थना करे.!

-:’नवमी तिथि एक पर्व अनेक’:-
नवमी तिथि पर भी अन्य तिथियों की भांति उत्सवों एवं व्रत इत्यादि मनाए जाते हैं. इस तिथि को भगवान राम के जन्म समय से भी संबंधित माना गया है और साथी ये तिथि अक्षय फल देने वाली भी कही गई है. इसी तिथि के दौरान माँ सिद्धिदात्री का पूजन भी किया जाता है.!

01,अक्षय नवमी:-
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी अक्षय एवं आंवला नवमी के नाम से मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु का पूजन होता है और आंवले के वृक्ष की पूजा भी की जाती है. स्नान, दान, व्रत-पूजा का विधान रहता है. यह संतान प्रदान करने वाली ओर सुख समृद्धि को बढ़ाने वाली नवमी होती है.

02,राम नवमी –
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को राम नवमी के रुप में पूरे भारत वर्ष में उत्साह और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. भगवान श्री राम के जन्म उत्सव के रुप में यह तिथि राम नवमी कहलाती है.!

नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पितAstro Dev YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook Pages पर प्राप्त कर सकते हैं.II
Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram
Share on email
Share on print
Share on pinterest