नमो नारायण….अक्षय तृतीया के दिन गौ,भूमि,तिल,स्वर्ण,घी,वस्त्र,धान्य,गुड़,चांदी,नमक,शहद और कन्या ये बारह वस्तुएं दान करने का महत्व है,इस दिन जितना भी दान करते हैं उसका चार गुना फल प्राप्त होता है,इस दिन किए गए कार्य का पुण्य कभी क्षय नहीं होता,यही वजह है कि इस दिन पुण्य प्राप्त करने का महत्व है……!
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है,अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं हो,माना जाता है कि इस दिन जो भी पुण्य अर्जित किए जाते हैं उनका कभी क्षय नहीं होता है,इस दिन आरंभ किए गए कार्य भी शुभ फल प्रदान करते हैं.वर्ष 2024 में शुक्रवार 10 मई को अक्षय का पर्व संपन्न किया जाएगा…..!
यही वजह है कि ज्यादातर शुभ कार्यों का आरंभ इसी दिन होता है,हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन हर तरह के शुभ कार्य संपन्ना किए जा सकते हैं और उनका शुभदायक फल होता है, वैसे तो हर माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया शुभ होती है लेकिन वैशाख माह की तृतीया स्वयंसिद्ध मुहूर्त मानी गई है,मान्यता है कि इस दिन बिना पंचांग देखे शुभ व मांगलिक कार्य किए जाते हैं।
विवाह,गृह-प्रवेश,वस्त्र-आभूषणों की खरीदारी जैसे शुभकार्य किए जाते हैं,पुराणों में लिखा है कि इस दिन पितरों को किया गया तर्पण और पिंडदान अथवा अपने सामर्थ्य के अनुरूप किसी भी तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है…..!
इस दिन लोग श्रद्धा से गंगा स्नान भी करते हैं और भगवद् पूजन करते हैं ताकि जीवन के कष्टों से मुक्ति पा सकें,कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से अपने अपराधों की क्षमा मांगने पर भगवान क्षमा करते हैं और अपनी कृपा से निहाल करते हैं,अत: इस दिन अपने भीतर के दुर्गुणों को भगवान के चरणों में अर्पित करके अपने सद्गुणों को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए…..!
अक्षय तृतीया के दिन आभूषणों की खरीद का योग भी माना गया है,इस दिन खरीदा गया सोना अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है,इस दिन किसी भी काम में लगाई गई पूंजी दिन दूनी और रात चौगुनी बढ़ती है और कारोबार फलता-फूलता है,यह माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया सोना कभी समाप्त नहीं होता है और स्वयं श्री हरि और मां लक्ष्मी उसमें निवास करती हैं….!
“दान की अत्यधिक महत्ता”
अक्षय तृतीया के दिन दान को श्रेष्ठ माना गया है,चूंकि वैशाख मास में सूर्य की तेज धूप और गर्मी चारों ओर रहती है और यह आकुलता को बढ़ाती है तो इस तिथि पर शीतल जल,कलश,चावल,चना,दूध,दही आदि खाद्य पदार्थों सहित वस्त्राभूषणों का दान अक्षय व अमिट पुण्यकारी होता है…..!
माना जाता है कि जो लोग इस दिन अपने सौभाग्य को दूसरों के साथ बांटते हैं वे ईश्वर की असीम अनुकंपा पाते हैं,इस दिन दिए गए दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है,सुख समृद्धि और सौभाग्य की कामना से इस दिन शिव-पार्वती और नर नारायण की पूजा का विधान है,चूंकि तृतीया मां गौरी की तिथि है कि इस दिन गृहस्थ जीवन में सुख-शांति की कामना से की गई प्रार्थना तुरंत स्वीकार होती है,गृहस्थ जीवन को निष्कंटक रखने के लिए इस दिन उनकी पूजा की जाना चाहिए…..।
—:”.अक्षय तृतीया का महत्व.”:—
पुराणों में वर्णन है कि अक्षय तृतीया के दिन से ही त्रेता युग का आरंभ हुआ था,इसे युगाधि तिथि भी कहा जाता है,धरती पर नर नारायण ने भी इसी दिन अवतार लिया था,मां रेणुका के गर्भ से इसी दिन विष्णु के अवतार भगवान परशुराम अवतरित हुए थे,चूंकि वह चिरंजीवी हैं इसलिए इस तिथि को चिरंजीवी तिथि भी कहा जाता है,वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में भी केवल इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं,प्रसिद्ध तीर्थस्थल बद्रीनारायण के कपाट भी इसी तिथि को पुन: खुलते हैं…..!
“अक्षय तृतीया पर करें यह उपाय”
01. अक्षय तृतीया के दिन सोने चांदी की चीजें खरीदी जाती हैं,मान्यता है कि इससे बरकत आती है,अगर आप भी बरकत चाहते हैं इस दिन सोने या चांदी के लक्ष्मी की चरण पादुका लाकर घर में रखें और इसकी नियमित पूजा करें,क्योंकि जहां लक्ष्मी के चरण पड़ते हैं वहां अभाव नहीं रहता है….!
02. आज के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांधकर पूजा स्थान में रखे इसमें देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने की क्षमता होती है,इनका प्रयोग तंत्र मंत्र में भी होता है,इसका कारण यह है कि देवी लक्ष्मी के समान ही कौड़ियां समुद्र से उत्पन्ना हुई हैं……!
03. नियमित केसर और हल्दी से इसकी पूजा देवी लक्ष्मी के साथ करने से आर्थिक परेशानियों में लाभ मिलता है……!
04. एकाक्षी नारियल जिसकी एक आंख होती है ऐसे नारियल को लक्ष्मी स्वरूप माना जाता है,अक्षय तृतीया के दिन घर में पूजा स्थान में इसे स्थापित करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है…!
05. इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नाता के लिए जल कलश,पंखा,खड़ाऊं,छाता,सत्तू,ककड़ी, खरबूजा आदि फल,शक्कर तथा मिष्टान्न,घृतादि पदार्थ ब्राह्मण को दान करने चाहिए जिससे पितरों की कृपा प्राप्त होती रहे…!
06. इस दिन गौ,भूमि,तिल,स्वर्ण,घी,वस्त्र,धान्य,गुड़,चांदी,नमक,शहद और कन्या ये बारह वस्तुएं दान करने का महत्व है,जो भी भूखा हो वह अन्ना दान का पात्र है,जो जिस वस्तु की इच्छा रखता है यदि वह वस्तु उसे बिना मांगे दे दी जाए तो दाता को पूरा फल मिलता है,सेवक को दिया दान एक चौथाई फल देता है,कन्या दान इन सभी दानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसीलिए इस दिन कन्या का विवाह किया जाता है।
07. अक्षय तृतीया पर दान देने वाला सूर्य लोक को प्राप्त होता है,इस तिथि को जो व्रत करता है वह ऋद्धि,वृद्धि एवं श्री से संपन्ना होता है,इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं,अत: इस दिन शुभ कर्म ही करने चाहिए….।