Budh Vakri 2024: ॐ ब्राम ब्रीम ब्रौंम सः बुद्धाय नमः…. ज्योतिष शास्त्र में बहुत से नियम ऐसे हैं जिनके माध्यम से हम जान सकते हैं कोई भी ग्रह अस्त है या वक्री सबसे पहले जान लें सूर्य और चंद्रमा कभी वक्री और अस्त नहीं होतेअन्य ग्रहों पर वक्री और अस्त होने का प्रभाव देखा जाता है,12 अगस्त को युवराज बुद्ध सिंह राशि में वक्री अवस्था में प्रातः 06 बजकर 12 मिनट में अस्त हो रहे हैं.!
ज्योतिष शास्त्र में समान्य नियम है कि, यदि सूर्य से 12 अंश आगे और 12 अंश पीछे कोई ग्रह होता है, तो वह अस्त होता है। इसे ऐसा समझे कि यदि एक बड़े ग्रह के प्रभाव में जब एक छोटा ग्रह आता है, तो छोटे ग्रह का प्रभाव शून्य हो जाता है। इसीलिए उसे अस्त माना जाता है.!
ज्योतिष शास्त्र में बुध को करियर का स्वामी माना गया है। ग्रहों में बुध को राजकुमार की संज्ञा दी गई है। यही अवस्था युवाओं की उनका भविष्य निर्माण करने की होती है। इसीलिए बुध को भविष्य निर्माण करने के लिए विशेष कारक माना गया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है। बुद्धि का कारक होने के कारण युवावस्था में निर्णय शक्ति अच्छी होना बहुत जरूरी है। निर्णय शक्ति अच्छी होगी तो युवा अपने आने वाले भविष्य के लिए अच्छे निर्णय ले सकते हैं, जिस से उनके करियर का निर्माण होता है।
ज्योतिष शास्त्र में बुध को बुद्धि का कारक माना गया है। बुध ग्रह शरीर में मस्तिष्क का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में निर्णय लेने की शक्ति बुध के प्रभाव से ही प्राप्त होती है। निर्णय शक्ति उत्तम होने से व्यक्ति का बौद्धिक मानसिक और आर्थिक विकास देखा जाता है।
बुध के प्रबल होने से बोलने की कला देखी जाती है, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में बुध को वाणी का कारक भी माना गया है। ऐसी स्थिति में बुध बोलने की क्षमता देते हैं। बोलने का मतलब केवल कुछ भी बोलने का नहीं है, अपितु सही समय में सही बात कहना भी बोलने की सही कल को दिखाता है। इसीलिए बुध का शुभ होना बोलने की शक्ति का विकास करता है।
बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार माना गया है। बुध के अस्त होने पर कोई भी ऐसा काम ना करें जिस से आपकी वाणी, बुद्धि, व्यापार या करियर पर उसका प्रभाव आता हो। इस समय में बुध का पूरा सहयोग ना मिलने के कारण आपके फैसले गलत साबित हो सकते हैं.30 वर्षों से भी अधिक अवधी का ज्योतिष के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले “ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री” जी से जानिए बुद्ध ग्रह के सिंह राशि में वक्री अवस्था में अस्त होने से किन-2 राशियों पर इसका प्रभाव ….
Budh Vakri 2024: मेष राशि :- मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर के स्वामी माने जाते हैं। इसीलिए बुद्ध का आपके जीवन में बहुत महत्व है। क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तीसरा और छठा घर शुभ फल देने वाला नहीं होता है,ऐसी स्थिति में बुध का अस्त होना आपके लिए शुभ फल देनें वाला नही है। पिछले कुछ समय से बुध वक्री भी चल रहे हैं। बुध के वक्री होने के साथ-साथ अस्त होने पर बुध का शुभ प्रभाव आपको नहीं मिल पाएगा। जिसके कारण निर्णय शक्ति पर प्रभाव आएगा। कार्यों में बाधाएं आएंगी। चलते कार्य रुकने की संभावनाएं बनेगी।
Budh Vakri 2024: वृषभ राशि :- वृषभ राशि राशि वालों के लिए बुध का दूसरे भाव और पंचम भाव का स्वामी होना शुभ फल देने वाला है। परंतु बुध के वक्री और अस्त होने से आपके कुटुंब क्षेत्र में बहुत प्रभाव देखा जाएगा। आपकी वाणी के कारण घर में किसी तरह का कोई विवाद होना संभव है।
पंचम भाव का स्वामी होने से विद्यार्थियों को इस समय में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। परीक्षा में बुद्धि की एकाग्रता की कमी आपको अच्छे परिणाम देने में बाधा पैदा करेगी।
Budh Vakri 2024: मिथुन राशि :- मिथुन राशि वालों के लिए बुध का लग्न और चतुर्थ भाव का स्वामी होना आपके लिए विशेष शुभ फल देने वाला है। परंतु ज्योतिष शास्त्र में ऐसी स्थिति को दोष के रूप में भी देखा गया है। इसे केंद्र अधिपति दोष का नाम दिया गया है। इस समय में बुध का वक्री और अस्त होना आपके लिए विशेष समस्या पैदा कर सकता है।
आपकी वाणी के मधुरता को कम कर देना यह एक नकारात्मक परिणाम आपको देखने को मिलेगा। इसके साथ बुध चतुर्थ भाव के स्वामी होने से आपके सुख के साधनों में भी कमी कर सकते हैं। बिजली से चलने वाले उपकरण अचानक खराब हो सकते हैं। मोबाइल जैसे उपकरण गुम हो सकता है, या चोरी होने का भय बन सकता है।
Budh Vakri 2024: कन्या राशि :- कन्या राशि वालों के लिए बुध दशम और लग्न के स्वामी हैं। ऐसे में आपके कार्यक्षेत्र में किसी से वाद विवाद होने की संभावना पैदा करते हैं। इस स्थिति में अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। अपने मन पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है, अन्यथा आपको रोजगार में हानि देखनी पड़ सकती है।
बुध आपके लग्न के स्वामी होकर आपको बुद्धि और वाक्चातुर्य में कमी पैदा कर सकते हैं। ऐसे में आपको शांत रहकर समय व्यतीत करना ज्यादा बेहतर रहेगा।
Budh Vakri 2024: कुंभ राशि :- कुंभ राशि वालों को इस समय में बुध पंचम और अष्टम भाव के स्वामी होकर शुभ फल देने की स्थिति में आ सकते हैं। इस समय में आपको कुछ गुप्त विद्याएं व गुप्त साधनाओं की सिद्धि प्राप्त हो सकती हैं।
इस समय में आपके द्वारा की गई साधनाएं आपको विशेष शुभ फल देंगी। इस समय में बुध का विशेष शुभ फल हो सकता है। वाणी, मन और गुस्से पर नियंत्रण रखें।