Budh Margi 2024: ॐ ब्राम ब्रीम ब्रौम सः बुद्धाय नमः ..ज्योतिष शास्त्र में बुध देव को वाणी और बुद्धि का कारक माना जाता है,बुध देव की कृपा से जातक बुद्धिमान होता है,अपनी बुद्धिमत्ता से हर कार्य को करने में सफल होता है,कमजोर बुध से जातक को कारोबार में नाना प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है,इसके साथ ही रिश्तेदारों के साथ संबंध भी कटु हो जाते हैं,सूर्यादि नवग्रहों के राजकुमार बुध देव 28/29 अगस्त की मध्यरात्रि 02 बजकर 46 मिनट पर मार्गी होंगे,30 वर्षों से भी अधिक अवधी का ज्योतिष के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले “ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री” जी से जानिए बुद्ध ग्रह के कर्क राशि में मार्गी होने से किन -2 राशि पर पड़ेगा शुभ प्रभाव.:-
Budh Margi 2024: मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है। बुध देव की चाल बदलने से इन 2 राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव देखने को मिल सकता है। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं और बुध देव ग्रहों के सेनापति मंगल देव को अपना शत्रु मानते हैं। आसान शब्दों में कहें तो बुध और मंगल एक दूसरे के शत्रु हैं। अतः बुध वक्री होने के दौरान गुस्से में कोई फैसला न लें और न ही किसी से कटु शब्द कहें। व्यवहार में विनम्रता एवं सौम्यता रखें। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। सोच समझ कर फैसले लें। घर के सदस्यों के प्रति आदर भाव रखें। सावन सोमवार पर शहद से भगवान शिव का अभिषेक करें.।
Budh Margi 2024: कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं। कई ज्योतिष चंद्र और बुध ग्रह को एक दूसरे का शत्रु बताते हैं। अतः बुध ग्रह की चाल बदलने से कर्क राशि के जातकों को भी सावधान रहने की आवश्यकता है। बुध वक्री के दौरान कर्क राशि के जातक भगवान शिव की विशेष पूजा उपासना करें। हालांकि, कारोबार में निवेश करने से पहले घर के बड़े-वृद्ध से अवश्य सलाह लें। सावन सोमवार पर भगवान शिव को गंगाजल में बेलपत्र और भांग के पत्ते मिलाकर अभिषेक करें। वहीं, सावन बुधवार पर भगवान गणेश को दूर्वा और मोदक अवश्य अर्पित करें.।
Budh Margi 2024: मीन राशि ग्रहों के राजकुमार बुध देव मीन राशि में नीच के होते हैं। इसके चलते मीन राशि के कई जातकों को कारोबार में कठिन मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती है। बुध देव के वक्री होने पर मीन राशि के जातकों को सतर्क रहना पड़ेगा। इस दौरान किसी को उधार न दें। नवीन कार्य की शुरुआत न करें और न ही निवेश करें। अपनी वाणी पर संयम रखें। वाद-विवाद से दूर रहें। बुध वक्री के दौरान गंगाजल में दूर्वा मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें.।