Ganesh Utsav 2024: ॐ गण गणपतये नमः…..भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से आरंभ होने वाला गणेश महोत्सव अनंत चतुर्थी तक चलता है.गणेशोत्सव सारे विश्व में बड़े ही हर्षोल्लास एवं आस्था के साथ मनाया जाता है. घर-घर में भगवान गणेशजी की पूजा होती है, लोग मोहल्लों, चौराहों, मंदिरों एवं घरों पर गणेशजी की स्थापना,आरती,पूजा करते हैं.अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशजी की मूर्ति को विधि विधान के साथ विसर्जित करके उनसे अगले साल दोबारा आने की प्रार्थना की जाती है.!
शनिवार 07 सितंबर से सोमवार 16 सितंबर 2024 तक चलने वाले इस महोत्सव की धूम चारों ओर देखी जा सकती है. पूरे भारतवर्ष में गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश की भव्य प्रतिमाओं को स्थापित करके पूजा पाठ शुरू हो जाता है. गणेश प्रतिमा स्थापित कर दस दिवसीय अनुष्ठान का शुभारंभ होता है. भव्य पंडालों में स्थापित गणेश प्रतिमा के सामने दर्शनार्थियों का जमावड़ा लगा रहता है. दस दिनों तक भजन व आरती का क्रम जारी रहता है.!
-:’Ganesh Utsav 2024: दस दिवसीय गणेशोत्सव’:-
भगवान श्री गणेश जी का गणेशोत्सव प्रारंभ होते ही दस दिनों तक गणपति जी की महिमा का गुणगान घर-घर होने लगता है. शहर के कई प्रमुख स्थलों में पर परंपरागत रूप से भगवान की प्रतिष्ठापना की जाती है. हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पूर्व भगवान श्री गणेश जी का आहवान ही किया जाता है तत्पश्चात अन्य धार्मिक कार्यक्रम आरंभ होते हैं.!
गणपति आदिदेव हैं अपने भक्तों के समस्त संकटों को दूर करके उन्हें मुक्त करते हैं गणों के स्वामी होने के कारण इन्हें गणपति कहा जाता है. प्रथम पूज्य देव रूप में यह अपने भक्तों के पालनहार हैं. इनके बारह नामों:-एकदंत, सुमुख, लंबोदर, विनायक, कपिल, गजकर्णक, विकट, विघ्न-नाश, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र तथा गजानन तथा गणेश का स्मरण सुख एवं शांति प्रदान करने वाला होता है.!
-:’Ganesh Utsav 2024: गणेश महोत्सव पूजन’:-
श्री गणेश जी भगवान ऋद्धि-सिद्धि के दाता, विघ्न विनाशक और इच्छाओं को पूर्ण करने वाले हैं, कोई कार्य पूर्ण नहीं हो रहे हो वह भादौ की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक विधि विधान से पूजन करें तो उसके सभी कार्य सिद्ध होते हैं. दूर्वा के बिना पूजा अधूरी होती है . गणपति पर तुलसी नहीं चढ़ाई जाती. शुभ मुहूर्त में श्रीगणेश स्थापना विधिवत संकल्प लेकर करनी चाहिए. पंचोपचार अथवा षोषणोपचार पूजन के साथ भगवान का विग्रह में आहवन करते हैं.!
गंगा जल, पान, फूल, दूर्वा आदि से पूजन किया जाता है, भगवान गणेश पर सिंदूर चढ़ाने से वह प्रसन्न होते हैं. भगवान को लड्डूओं का भोग लगाना चाहिए श्रीगणेश स्रोत, श्रीगणेश मंत्र जाप आदि का पाठ करना चाहिए, नारद पुराण के अनुसार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पार्थिव गणेश की स्थापना को बताया गया है.!
-:’Ganesh Utsav 2024: गणेश प्रतिमा की स्थापना’:-
देश भर में परंपरागत रूप से भगवान की प्रतिष्ठापना की जाती है. घर एवं मंदिरों पर पूर्ति स्थापना का आयोजन होता है इस अवसर पर भक्तों का उत्साह देखते बनता है, मूर्तियों की खरीदारी जोरों पर होती है छोटी बडी हर प्रकार की मूर्तियां सभी के आकर्षण का केन्द्र बनती हैं. भगवान गणेश जी की भक्ति का स्वरुप इन दिनों समूचे वातावरण में घुला सा होता है लोगों का उत्साह चरम पर होता है. सभी भक्त दस दिनों के मेहमान को भक्ति भाव एवं सम्मान द्वारा घर पधारने का आग्रह करते हैं.!
मान्यता है कि इन दस दिनों के दौरान यदि श्रद्धा एवं विधि-विधान के साथ गणेश जी की पूजा किया जाए तो व्यक्ति की सभी बाधाओं का अन्त हो जाता है ओर भगवान गणेश सौभाग्य, समृद्धि एवं सुख प्रदान करते हैं. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित किया जाता है. गणेश महोत्सव में धार्मिक अनुष्ठान और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन जारी रहता है.!
-:’Ganesh Utsav 2024: महाराष्ट्र में गणेश महोत्सव की धूम’:-
गणेश चतुर्थी वैसे तो पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इस त्योहार का एक अलग ही रुप देखने को मिलता है. लोग पुष्प वर्षा कर स्वागत करते हैं, ढोल, बैंड बाजों के साथ निकली शोभायात्रा को देखने के लिए लोग हजारों की भीड़ में देखे जा सकते हैं. भगवान गणेश की भव्य मूर्तियां हर किसी को आकर्षित कर रही होती हैं. पंडित वैदिक अनुष्ठान, हवन आदि कर भगवान गणेश को महोत्सव में आमंत्रित करते हैं. करीब ग्यारह दिन तक चलने वाले महोत्सव में कई धार्मिक कार्यक्रम होते ही रहते हैं.!
इस दौरान भगवान गणेश की विशेष पूजा के साथ साथ कथा वाचन एवं लीला मंचन भी होता है. पूरे महाराष्ट्र में इन दिनों भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ता है गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों से वातावरण गूंजने लगता है. सभी भक्त महोत्सव में शामिल होकर भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. मुंबई की गलियां गणेश पंडालों से पट जाती हैं. मुंबई के लालबाग के राजा, सिद्धि विनायक इत्यादि प्रमुख हैं मुंबई में स्थापित होने वाली गणेश प्रतिमाओं में सबसे ज्यादा आकर्षण लालबाग के राजा नाम से स्थापित गणेश प्रतिमा का रहता है.!
-:’Ganesh Utsav 2024: विदेशों में गणेश महोत्सव की धूम’:-
श्री भगवान गणेश के प्रति भक्तों की आस्था विदेशों में भी कम नहीं है. ब्रिटेन में अप्रवासी भारतीय इस त्यौहार को पूरे रीतिरिवाज के साथ मनाते हैं. इसके अलावा अमरीका में भी गणेश चतुर्थी का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है. वहीं मारीशस में भी गणपति उत्सव बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन मारीशस में अवकाश भी रहता है.!