Proshthapadee Mahaalay Shraaddh Praarambh 2024: ॐ पित्रेभ्य नमः….पूर्णिमा श्राद्ध को श्राद्धी पूर्णिमा और प्रोष्टपदी पूर्णिमा श्राद्ध के रूप में भी जाना जाता है. इस वर्ष पूर्णिमा श्राद्ध 17 सितंबर के दिन पड़ रहा है. पूर्णिमा तिथि पर मरने वालों के लिए महालय श्राद्ध अमावस्या श्राद्ध तिथि पर किया जाता है, न कि भाद्रपद पूर्णिमा पर. हालांकि भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध पितृ पक्ष से एक दिन पहले पड़ता है, यह पितृ पक्ष का हिस्सा नहीं है.!
आमतौर पर पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध के अगले दिन से शुरू होते है.भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध, पितृ पक्ष श्राद्ध की तरह,पार्वण श्राद्ध है और इसे करने का शुभ समय या तो कुटुप मुहूर्त और रोहिना आदि मुहूर्त है. उसके बाद अपराहन काल समाप्त होने तक मुहूर्त श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है.!
-:’Proshthapadee Mahaalay Shraaddh Praarambh 2024: पूर्णिमा तिथि प्रारंभ व समाप्त-:’
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 11:15 AM on Sep 17, 2024
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 08:05 AM on Sep 18, 2024
इस वर्ष पूर्णिमा श्राद्ध 17 सितंबर 2024, मंगलवार के दिन पड़ रहा है.
कुतुप मुहूर्त – 11:51 AM to 12:31 PM
रौहिण मुहूर्त – 12:31 PM to 13:21 PM
अपराह्न काल – 13:21 PM to 15:51 PM
-:’Proshthapadee Mahaalay Shraaddh Praarambh 2024: भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व’:-
भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने करने का विधान है. मान्यता है जो लोग पूर्णिमा के दिन व्रत करते हैं, उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन दान करने का भी बहुत महत्व है. भादप्रद पूर्णिमा के दिन से श्राद्ध पक्ष का आरंभ होता है.!
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनकी आत्मा को मुक्ति देने के लिए श्राद्ध किया जाता है. आमतौर पर दिवंगत परिजन की मृत्यु की तिथि के दिन ही श्राद्ध किया जाता है. लेकिन पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध की तिथियों के मुताबिक श्राद्ध किया जाता है.!