Angarki Chaturthi 2024 ॐ श्री गणेशाय नमः…..श्री गणेश अंगारकी चतुर्थी व्रत का पालन जो भक्त करता है उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं. व्यक्ति को मानसिक तथा शारीरिक कष्टों से छुटकारा मिलता है. इस वर्ष 25 जून 2024, के दिन मंगलवार का दिन और चतुर्थी तिथि का योग होने पर अंगारकी संकष्टी चतुर्थी व्रत सम्पन्न होना है.यह गणेश चतुर्थी मंगलवार के दिन होने के फलस्वरूप अंगारकी चतुर्थी के नाम से जानी जाती है…..!
अंगारकी गणेश चतुर्थी के विषय में गणेश पुराण में विस्तार पूर्वक उल्लेख मिलता है, कि किस प्रकार गणेश जी द्वारा दिया गया वरदान कि मंगलवार के दिन चतुर्थी तिथि अंगारकी चतुर्थी के नाम प्रख्यात संपन्न होगा आज भी उसी प्रकार से स्थापित है.अंगारकी चतुर्थी का व्रत मंगल भगवान और गणेश भगवान दोनों का ही आशिर्वाद प्रदान करता है तथा किसी भी कार्य में कभी विघ्न नहीं आने देते..!
मंगलवार के दिन चतुर्थी का संयोग अत्यन्त शुभ एवं सिद्धि प्रदान करने वाला होता है. भक्त को संकट, विघ्न तथा सभी प्रकार की बाधाएँ दूर करने के लिए इस व्रत को अवश्य करना चाहिए. चतुर्थी को भगवान गणेश जी की पूजा का विशेष नियम बताया गया है. भगवान गणेश समस्त संकटों का हरण करने वाले होते हैं….I
—:Angarki Chaturthi 2024: अंगारकी चतुर्थी पूजन:–
गणेश को सभी देवताओं में प्रथम पूज्य एवं विध्न विनाशक है.श्री गणेश जी बुद्धि के देवता है, इनका उपवास रखने से मनोकामना की पूर्ति के साथ साथ बुद्धि का विकास व कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है. श्री गणेश को चतुर्थी तिथि बेहद प्रिय है, व्रत करने वाले व्यक्ति को इस तिथि के दिन प्रात: काल में ही स्नान व अन्य क्रियाओं से निवृत होना चाहिए. इसके पश्चात उपवास का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प लेने के लिये हाथ में जल व दूर्वा लेकर गणपति का ध्यान करते हुए, संकल्प में यह मंत्र बोलना चाहिए “मम सर्वकर्मसिद्धये सिद्धिविनायक पूजनमहं करिष्ये” इसके पश्चात सोने या तांबे या मिट्टी से बनी प्रतिमा चाहिए. इस प्रतिमा को कलश में जल भरकर, कलश के मुँह पर कोरा कपडा बांधकर, इसके ऊपर प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए. पूरा दिन निराहार रहते हैं. संध्या समय में पूरे विधि-विधान से गणेश जी की पूजा की जाती है. रात्रि में चन्द्रमा के उदय होने पर उन्हें अर्ध्य दिया जाता है….I
—:Angarki Chaturthi 2024: अंगारकी गणेश चतुर्थी कथा :—
गणेश चतुर्थी के साथ अंगारकी का संबोधित होना इस बात को व्यक्त करता है कि यह चतुर्थी मंगलवार के दिन सम्पन्न होनी है. धर्म ग्रंथों में अंगारकि गणेश चतुर्थी के विषय में विस्तार पूर्वक उल्लेख मिलता है जिसके अनुसार, पृथ्वी पुत्र मंगल देव जी ने भगवान गणेश को प्रसन्न करने हेतु बहुत कठोर तप किया. मंगल देव की तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान गणेश जी ने उन्हें दर्शन दिए.और चतुर्थी तिथि का संयोग जब भी मंगलवार अर्थात अंगारक के साथ आएगा वह तिथि अंगारकी गणेश चतुर्थी के नाम से संबोधित होने का आशिर्वाद प्रदान किया. इसी कारण मंगलवार के दिन चतुर्थी तिथि होने पर यह चतुर्थी अंगारक कहलाती है. श्री गणेश जी की पूजा समस्त देव पूजित हो जाते हैं, यदि इस दिन ‘ॐ गं गणपतये नमो नम:’ का जाप करता है, तो निश्चय ही व्यक्ति को समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त होती है……I