वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
Bhalchandra Shri Ganesh Sankashti: श्री गणेशाय नमः…. चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित है.इस दिन भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए पूजा-अर्चना और उनकी उपासना की जाती है.हर माह में दो चतुर्थी तिथि आती हैं.एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी माना जाता है.हर माह में आने वाली चतुर्थी का अपना अलग महत्व होता है.चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.!
शनि देव की कृपा मिलने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं.लेकिन इस शानिवार 11 मार्च 2023 को इस शुभ संयोग से आप शनिदेव के साथ-साथ गणेश जी की भी कृपा पा सकते हैं.11 मार्च को बन रहे इस शुभ संयोग का फल प्राप्त करके आप गणेश जी और शनिदेव महाराज दोनों का आशीर्वाद ले सकते हैं.इस 11 मार्च शनिवार के दिन भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी भी पड़ रही है.इस दिन आप गणेश जी की पूजा करके इनको प्रसन्न कर सकते हैं.!
इस दिन आप गणेश भगवान के साथ -साथ शनिदेव की भी पूजा-अर्चना कर विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं,इस दिन आपको दोनों की पूजा का फल प्राप्त होगा.शनि देव महाराज को प्रसन्न करने के लिए आप शनि मंदिर जाकर शनि देव की पूजा करें,तेल का दीपक जलाएं और काले तिल शनि देव को अर्पित करें.!
चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित है.इस दिन भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए पूजा-अर्चना और उनकी उपासना की जाती है.हर माह में दो चतुर्थी तिथि आती हैं.एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी माना जाता है.हर माह में आने वाली चतुर्थी का अपना अलग महत्व होता है.चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.!
इस माह संकष्टी चतुर्थी 11 मार्च, शनिवार के दिन पड़ रही है,इस वजह से इस दिन शुभ संयोग बन रहा है.इस दिन पर शनिदेव के साथ-साथ गणेश भगवान का भी आशीर्वाद ले सकते है.चैत्र माह में पड़ने की वजह से इसे भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं.I
-:’Bhalchandra Shri Ganesh Sankashti: भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त’:-
चैत्र कृष चतुर्थी तिथि शुक्रवार 10 मार्च रात्रि 21 बजकर 43 से आरम्भ होगी तथा शनिवार 10 मार्च 2023 को रात्रि 22 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी,उदया तिथि के अनुसार शनिवार 11 मार्च 2023 को भालचन्द्र श्रीगणेश चतुर्थी का व्रत करना शास्त्र सम्मत होगा.II