Bhaumvati Amavasya 2024: ॐ पित्रेभ्य: नमः ..भाद्रपद में पड़ने वाली इस अमावस्या को कुशोत्पाटिनी या कुशाग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन वर्ष भर किये जाने वाले धार्मिक कार्यों, अनुष्ठानों और श्राद्ध आदि कार्यों के लिए कुश इकट्ठा किया जाता है। साथ ही इस दिन स्नान-दान, जप, तप और व्रत आदि का भी महत्व है। इस साल भाद्रपद की अमावस्या तिथि 3 सितम्बर, दिन मंगलवार को पड़ रही है। मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। भौमवती अमावस्या को कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उत्तम माना जाता है। भाद्रपद महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या के दिन सिद्ध योग और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
भौमवती अमावस्या के दिन स्नान,दान करने का विशेष महत्व कहा गया है.भौमवती अमावस्या के दिन दान करने का सर्वश्रेष्ठ फल कहा गया है. देव ऋषि व्यास के अनुसार इस तिथि में स्नान-ध्यान करने से सहस्त्र गौ दान के समान पुन्य फल प्राप्त होता है. इस के अतिरिक्त इस दिन पीपल की परिक्रमा कर, पीपल के पेड और श्री विष्णु का पूजन करने का नियम है. दान-दक्षिणा देना शुभ होता है. भौमवती अमावस्या पर हजारों की संख्या में हरिद्वार, काशी जैसे तीर्थ स्थलों और पवित्र नदियों पर स्नान करने का विशेष महत्व होता है….!
इस दिन कुरुक्षेत्र के ब्रह्मा सरोवर में डूबकी लगाने का भी बहुत अधिक पुण्य माना गया है.इस स्थान पर भौमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक की अवधि में पवित्र नदियों पर स्नान करने वालों का तांता सा लगा रहेगा. स्नान के साथ पवित्र श्लोकों की गुंज चारों ओर सुनाई देती है. यह सब कार्य करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है…..!
-:Bhaumvati Amavasya 2024: भौमवती अमावस्या का महत्व:-
अमावस्या तिथि प्रत्येकचन्द्र मास मे आती है.चन्द्रमा के दो पक्ष होते है, जिसमें एक कृ्ष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष होता हे. कृ्ष्ण पक्ष समाप्त होने पर अमावस्या व शुक्ल पक्ष की समाप्ति पर पूर्णिमा आती है. यह पर्व तिथि है. इस दिन व्रत, स्नान, दान, जप, होम और पितरों के लिए भोजन, वस्त्र आदि देना उतम रहता है. ज्येष्ठ मास की अमावस्या का महत्व अन्य माह में आने वाली अमावस्याओं की तुलना में अधिक होता है. शास्त्रों के हिसाब से ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन प्रात:काल में स्नान करके संकल्प करें और पूजा करनी चाहिए….!
भौमवती अमावस्या तिथि के दिन विशेष रुप से पितरों के लिये किए जाने वाले कार्य किये जाते है. इस दिन पितरों के लिये व्रत और अन्य कार्य करने से पितरों की आत्मा को शान्ति प्राप्त होती है. शास्त्रों में में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है. इसलिए इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, दान-पुण्य का महत्व है. जब अमावस्या के दिन सोम, मंगलवार और गुरुवार के साथ जब अनुराधा, विशाखा और स्वाति नक्षत्र का योग बनता है, तो यह बहुत पवित्र योग माना गया है. इसी तरह शनिवार, और चतुर्दशी का योग भी विशेष फल देने वाला माना जाता है…!
ऎसे योग होने पर अमावस्या के दिन तीर्थस्नान, जप, तप और व्रत के पुण्य से ऋण या कर्ज और पापों से मिली पीड़ाओं से छुटकारा मिलता है. इसलिए यह संयम, साधना और तप के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता है. पुराणों में अमावस्या को कुछ विशेष व्रतों के विधान है जिससे तन, मन और धन के कष्टों से मुक्ति मिलती है…!
-:Bhaumvati Amavasya 2024: भौमवती अमावस्या के विशेष उपाय:-
-:इस दिन काली चींटियों को शकर मिला हुआ आटा खिलाएं,ऐसा करने से आपके पाप-कर्मों का क्षय होगा और पुण्य-कर्म उदय होंगे,यही पुण्य-कर्म आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे..!
-:इस दिन कालसर्प दोष निवारण हेतु सुबह स्नान के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें,सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें,कालसर्प दोष से राहत पाने का ये अचूक उपाय है..!
-:बेरोजगार व्यक्ति अगर अमावस्या की रात ये उपाय करें तो निश्चित ही उसे रोजगार प्राप्त होगा.इसके लिए 1 नींबू को साफ करके सुबह से ही अपने घर के मंदिर में रख दें,फिर रात के समय इसे 7 बार बेरोजगार व्यक्ति के सिर से उतार लें और 4 बराबर भागों में काट लें,फिर एक चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में इसको फेंक दें,इस उपाय से बेरोजगार व्यक्ति को लाभ की संभावना बनेगी..!
-: जिसे कालसर्प दोष हो, उन व्यक्तियों को अमावस्या के दिन किसी अच्छे पंडित से अपने घर में शिवपूजन एवं हवन करवाना चाहिए..!
-: शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं,बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें,साथ ही दीये में थोड़ी-सी केसर भी डाल दें,यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का उपाय है..!
-:अमावस्या वाली रात्रि को 5 लाल फूल और 5 जलते हुए दीये बहती नदी के पानी में छोड़ें.इस उपाय से धन का लाभ प्राप्त होने के प्रबल योग बनेंगे..!
-:अमावस्या की रात्रि अगर आप काले कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाते हैं और उसी समय वह कुत्ता यह रोटी खा लेता है तो इस उपाय से आपके सभी दुश्मन उसी समय से शांत होना शुरू हो जाएंगे.!
-:इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके सेवन से आपके शरीर और भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं..!