Dahi Handi 2024: भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर साल मनाया जाता है, लेकिन दही हाड़ी भाद्रपद मास की नवमी तिथि को होती है. यह पर्व हमेशा कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है. इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त को होगी और दही हांडी का उत्सव 27 अगस्त को होगा.
दही हांडी के उत्सव में एक मिट्टी के बर्तन में दही भरकर रस्सी पर लटका दिया जाता है और गोविंदाओं की टोली पिरामिड बनाकर उस हांडी को तोड़ते हैं. यह पर्व मुख्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र में मनाया जाता है लेकिन अब यह धीरे धीरे पूरे भारत वर्ष में मनाया जाने लगा है. आइए जानते हैं इस बार किस दिन दही हांडी होगी और इसके आयोजन के लिए क्या तैयारियां चल रही हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में भगवान कृष्ण बचपन में अपने दोस्तों के साथ माखन मिश्री की चोरी करते थे और अपने मित्रों में बांट देते थे. इसलिए कान्हा को माखन चोर भी कहा जाता है. माखन चोरी से परेशान होकर गोपियां माखन को ऊंचे स्थान पर लटकाना शुरू कर दिया था लेकिन गोपियों का यह प्रयास भी असफल हो गया. नटखट कान्हा अपने दोस्तों की टोली के साथ वहां से भी माखन चुरा लेते थे और बड़े चाव के साथ सबके साथ खाते हैं. भगवान कृष्ण की इन्हीं बाल लीलाओं को दहीं हांडी के उत्सव के रूप में मनाया जाता है!
दही हांडी उत्सव में एक मिट्टी के बर्तन में दही या माखन को ऊंचाई से लटका दिया जाता है. फिर उसको महिलाओं और पुरुषों की टोली मानव पिरामिड बनाकर मटकी को तोड़ने का प्रयास करती हैं. दही हांडी का कई जगहों पर प्रतिस्पर्धी आयोजन भी होता है. इस प्रतियोगिता में शामिल होने वाले लोगों को गोविंदा कहा जाता है. मान्यता है कि जो भी टोली मटकी को तोड़ देती है, उस पर भगवान कृष्ण की विशेष कृपा होती है. !