कुल मिलाकर इस मंत्र में कहा गया है कि इस सृष्टि के रचनाकार प्राणस्वरुप उस प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, वह परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे, अर्थात हमारे अंदर सकारात्मक एवं आशावादी विचारों का सृजन हो जो सच्चाई व अच्छाई के रास्ते पर चलने के लिए हमारा मार्गदर्शन करे।
कब करें गायत्री मंत्र का जाप
गायत्री मंत्र का जाप चाहें तो चौबीसों घंटे किया जा सकता है लेकिन मुख्यत तीन समय गायत्री मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है। सबसे पहले प्रात:काल सूर्योदय से थोड़ा पहले गायत्री मंत्र का जाप शुरु करना चाहिए व सूर्योदय तक मंत्र का जाप जारी रखें। इसके बाद दोपहर के समय भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। तत्पश्चात सूर्यास्त से थोड़ा पहले मंत्रोच्चारण करें व सूर्यास्त के बाद तक जारी रखें। इन तीन अवसरों के अलावा यदि गायत्री मंत्र का जाप करना चाहें तो मन ही मन गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं।