नमो नारायण…. वैदिक ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति का अत्यधिक महत्व है, यह सबसे शुभ ग्रह कह गए हैं और बृहस्पति जब अस्त होते हैं तो सभी शुभ कार्य और मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है,देवगुरु बृहस्पति 06 मई को सायंकालीन 19 बजकर 06 मिनट पर वृषभ राशि में सूर्य के करीब आने से अस्त हो जाएंगे तथा 02/03 जून की मध्यरात्रि 24 बजकर 39 मिनट तक वृषभ राशि में अस्त रहेंगे.इस अवधी में शुभ तथा मांगलिक कार्य अवरोधित रहेंगे,तथा इसी अवधी में मंगल और राहु भी गुरु की राशि मीन में गोचर करेंगे,तथा देवगुरु से पहले 24 अप्रैल को दैत्याचार्य शुक्र ग्रह भी मेष राशि में अस्त हो चुके हैं
नवग्रह में देवताओं के गुरु बृहस्पति और दैत्यों के गुरु शुक्र का विशेष महत्व है.इन दोनों ही ग्रहों की स्थिति में बदलाव का प्रभाव मांगलिक और शुभ कार्यों के होने पर भी पड़ता है.इन दोनों तारों के अस्त होते ही मांगलिक और शुभ कार्य अवरोधित हो जाते हैं,इन दोनों ग्रहों के उदय होने के साथ ही मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते है.गुरु व शुक्र तारा के उदय और अस्त होने का खास महत्व है.30 वर्षों से भी अधिक अवधी का ज्योतिष के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले “ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री” जी से जानिए देवगुरु बृहस्पति ग्रह के अस्त होने से आपकी राशि पर पड़ेगा कैसा प्रभाव .!
-:मेष: धन लाभ होगा, कुटुंब से प्रेम स्नेह और मनोबल प्राप्त होगा,बुद्धि चातुर्य से धन लाभ बढ़ेगा और धन संग्रह की प्रवृत्ति बनेगी.!
-:वृषभ: स्वास्थ्य में सुधार होने के साथ ही शारीरिक व मानसिक संताप दूर होगा,मनोबल बढ़ेगा और धार्मिक कार्यों में रूचि होगी.!
-: मिथुन: धन का अपव्यय होगा,व्यवसाय एवं धन खर्च में सावधानी बरतें,किसी मोटे विवाद व खर्चे से बचकर रहें,अच्छे लोगों के साथ रहे.!
-:कर्क: आय स्त्रोत बढ़ेंगे,नवीन कार्य का शुभारंभ होने की संभावना बनेगी,बिजनेस व नौकरी में सफलता मिलेने की पूर्ण संभावना बनेगी.!
-:सिंह: इच्छित स्थान पर स्थानांतरण व पदस्थापित होने से मन खुश रहेगा,व्यापार कारोबार में प्रगति होगी,साथ ही कार्य क्षेत्र में परिवर्तन के आमूलचूल परिवर्तन के योग बनेंगे.!
-:कन्या: भाग्य से शुभ अवसर प्राप्त होंगे,धर्म के प्रति रूचि बढ़ेगी। घर में मांगलिक व धार्मिक कार्यों की विवेचना होगी.!
-:तुला: स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा,मानसिक तनाव व असफलता से मनोबल कमजोर रहेगा,व्यवसाय से लाभ की अपेक्षा खर्च बढ़ेंगे.!
-:वृश्चिक: इस राशि के जातकों को बृहस्पति की कृपा का अद्भुत लाभ होगा,साझा व्यापार से धन लाभ व दांपत्य सुख की प्राप्ति होगी.!
-:धनु: छठे भाव से बृहस्पति का भ्रमण रोग व गुप्त शत्रु से सावधानी बरतने का संकेत दे रहे हैं,इस समय ऋण लेने से बचें,ननिहाल पक्ष से विपत्ति आने के संकेत है.!
-:मकर: विद्या जनित यश प्राप्त होगा,दिनचर्या व्यवस्थित होकर विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होने की प्रबल संभावना रहेगी,परिजनों का सहयोग मनोबल को बढ़ाएगा.!
-:कुंभ: इस राशि के जातकों को चौथे गुरू अशुभता देने वाले हैं,अत: वाहन चलाने में सावधानी बरते, पारिवारिक कलह से बचे और माता के स्वास्थ्य का पूर्ण ध्यान रखें.!
-:मीन: इस राशि के जातकों के पराक्रम में अद्भुत वृद्धि होगी,भाइयों व विश्वास पात्रों के सहयोग से उन्नति एवं सुख में वृद्धि आएगी,कार्यों में आने वाली अड़चनें स्वत: ही दूर हो जाएगी.!