Margashirsha Amavasya 2023: मार्गशीर्ष अमावस्या

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

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Margashirsha Amavasya 2023: नमो नारायण. ….मंगलवार, 12 दिसंबर को मार्गशीर्ष अर्थात अगहन मास की अमावस्या है.इस माह को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना गया है,इसीलिए इन दिनों में श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाती है,मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व काफी अधिक है,इस दिन की गई पूजा-पाठ जल्दी सफल हो सकती है.!
इस माह की अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है,अगर संभव हो सके तो इस दिन मथुरा स्थित यमुना नदी में स्नान करें,मथुरा श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है, इसी वजह से यहां पुण्य स्नान और दान करने का विशेष महत्व है.!

मंगलवार की अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है,इस तिथि पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए,गाय के गोबर से बने कंडे को जलाएं और उस पर गुड़-घी डाल पितरों को धूप अर्पित करें,इस दिन पितरों के लिए गरीबों को दान भी जरूर करना चाहिए.!

मंगलवार और अमावस्या के योग में हनुमानजी की पूजा विधि-विधान से करें,पूजा में हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं,हनुमान चालीसा का पाठ करें। अगर संभव हो तो सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं.!

मंगलवार को मंगल ग्रह के लिए भी पूजा-पाठ की जाती है,मंगल की पूजा शिवलिंग रूप में होती है,इसीलिए इस दिन शिवलिंग पर लाल फूल, लाल गुलाल चढ़ाएं। मसूर की दाल अर्पित करें..!

-: Margashirsha Amavasya 2023: पितृ दोष हेतु विशेष:-
-:अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी,थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें,’ॐ पितृभ्य: नम:’ मंत्र का जाप करे. पितृसूक्त एवं पितृस्तोत्र का पाठ करना शुभ फल प्रदान करता है.!

-: प्रत्येक संक्रांति,अमावस्या और रविवार के दिन सूर्य देव को ताम्र बर्तन में लाल चंदन,गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ का बीज मंत्र पढ़ते हुए 3 बार अर्घ्य दें.!

-:अमावस्या के दिन दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए.!

नोट:- अमावस्या तिथि पर घर में क्लेश नहीं करना चाहिए,साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें,माता-पिता का अनादर न करें,इस दिन घर में शांति और प्रेम बनाए रखना चाहिए,ऐसा करने से घर का वातावरण सकारात्मक बना रहता है और पूजा-पाठ में मन लगता है.!

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