Masik Durgashtami 2024: जय माता दी…दुर्वाष्टमी व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है,संतान प्राप्ति और वंश वृद्धि के लिए इस व्रत को बेहद महत्त्वपूर्ण माना जाता है,इस दिन दूर्वा (एक प्रकार की घास) की पूजा करने का विधान है.वर्ष 2024 में सोमवार 26 अगस्त को दुर्वाष्टमी का व्रत किया जायेगा…!
क्यों की जाती है दूर्वा की पूजा….?
हिन्दू धर्म में कई पेड़-पौधों को महत्त्वपूर्ण माना जाता है जैसे पीपल,तुलसी आदि,इसी तरह दूर्वा को भी बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया है,भविष्यपुराण की एक कथा के अनुसार जब देवताओं और राक्षसों के बीच क्षीर सागर में समुद्र मंथन हुआ था,उस समय स्वयं भगवान विष्णु ने मंदराचल पर्वत को अपनी जांघों पर धारण किया था…..!
जब समुद्र मंथन हुआ उस समय मंदराचल पर्वत के तेजी से घूमने के कारण हुई रगड़ से भगवान विष्णु की जांघों से जो रोम उखड़कर समुद्र में गिरे थे,वह पुनः समुद्र की लहरों द्वारा उछाले गए वे ही रोम दूर्वा के रूप में उत्पन्न हुए,अमृत की कुछ बूंदें दूर्वा पर पड़ने से वे अजर-अमर और देवताओं को अतिप्रिय हो गई…!
–:Masik Durgashtami 2024: दुर्वाष्टमी व्रत की पूजा विधि:–
इस दिन जातक को प्रातः स्नानादि कर व्रत का संकल्प करना चाहिए,अगर संभव हो तो किसी नदी में स्नान करना चाहिए,इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर दूर्वा पूजन की तैयारी करनी चाहिए,दूर्वाष्टमी के दिन तिल ,गाय का दूध, सात प्रकार के अनाज आदि से दूर्वा की पूजा करके उसे ब्राह्मण को दान कर देना चाहिए,पूर्ण श्रद्धाभाव से दूर्वा की पूजा के पश्चात एक समय भोजन करना चाहिए…!
–:Masik Durgashtami 2024: दुर्गा अष्टमी अनुष्ठान:—
भक्त देवी दुर्गा की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठें…!
आज के दिन दुर्गा की मूर्ति के सामने ‘अखण्ड ज्योति’ को जलाएं..!
मान्यता के अनुसार भक्तों को इस दिन अपने घरों को खाली नहीं छोड़ना चाहिए..!
भक्तों को धूप जलाना चाहिए नारियल अर्पण करना चाहिए और घंटी बजाते हुए देवी का आवाहन करना चाहिए..!
लोग दुर्गा पूजा के दौरान मिट्टी के बर्तनों में गेहूं या जौ उगाते हैं,बीज को लगाना समृद्धि और वृद्धि का प्रतीक है..!
पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करना चाहिए
त्वं दूर्वेअमृतजन्मासि वान्दिता च सरासुरैः।
सौभाग्यं संततिं कृत्वा सर्वकार्यकरी भव।।
यथा शाखा प्रशाखाभिर्विस्तृतासि महीतले।
तथा ममापि संतानं देहि त्वमजरामरे।।
–:Masik Durgashtami 2024: दुर्वाष्टमी व्रत का फल:–
भविष्यपुराण के अनुसार दुर्वाष्टमी व्रत वंश वृद्धि, धन-वैभव आदि के लिए शुभ माना जाता है,माना जाता है कि इस व्रत के फल स्वरूप व्यक्ति सभी सुखों को भोगकर अपने जीवन साथी समेत स्वर्ग में जाते हैं और कई वर्षों तक वहां निवास करते हैं……!।