Nag Panchami 2024: ॐ नमः शिवाय…..नाग पंचमी श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है.वर्ष 2024 में यह शुक्रवार 09 अगस्त के दिन मनाया जायेगा.यह श्रद्धा व विश्वास का पर्व है.इस दिन नागों को धारण करने वाले भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करने का विशेष विधान है.!
भारत की अधिकतर जनसंख्या आज भी अपनी आजीविका के लिये कृषि पर आश्रित है.हमारे यहां पर पेड- पौधों की पूजा करने का विधान भी प्राचीन समय से चला रहा है.यही कारण है कि आज भी हर घर में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है.”वनोत्सव” जैसे पर्व हमारी संस्कृ्ति की पहचान है.!
-:Nag Panchami 2024: नाग पंचमी की विशेषता:-
शास्त्रों के अनुसार पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता है.श्रवण मास में नाग पंचमी होने के कारण इस मास में धरती खोदने का कार्य नहीं किया जाता है.श्रवण मास के विषय में यह मान्यता है कि इस माह में भूमि में हल नहीं चलाना चाहिए,नीवं नहीं खोदनी चाहिए.इस अवधि में भूमि के अंदर नाग देवता का विश्राम कर रहे होते है.भूमि के खोदने से नाग देव को कष्ट होने की संभावना रहती है.!
-:Nag Panchami 2024: नाग पंचमी के उपवास की विधि:-
देश के कई भागों में श्रावण मास की कृ्ष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को भी नाग पंचमी मनाई जाती है. नाग पंचमी में व्रत उपवास करने से नाग देवता प्रसन्न होते है.इस व्रत में पूरे दिन उपवास रख कर सूर्य अस्त होने के बाद नाग देवता की पूजा के लिये प्रसाद में खीर मनाई जाती है.खीर का भोग सबसे पहले नाग देवता को लगाया जाता है.!
अथवा भगवान शिव को भोग लगाया जाता है. इसके बाद इस खीर को प्रसाद के रुप में सभी लोग ग्रहण करते है.इस उपवास में नम व तली हुई चीजों को ग्रहण करना वर्जित माना जाता है.उपवास रखने वाले व्यक्ति को उपवास के नियमों का पालन करना चाहिए.!
-:Nag Panchami 2024: दक्षिण भारत में नाग पंचमी का रुप:-
भारत के दक्षिण क्षेत्रों में श्रवण शुक्ल पक्ष की नाग पंचमी में शुद्ध तेल से स्नान किया जाता है.वहां अविवाहित कन्याएं इस दिन उपवास करती है.और मनोवांछित जीवनसाथी पाने की कामना करती है.!
-:Nag Panchami 2024: नाग पंचमी पर्व कृ्षि रक्षा पर्व:-
हमारे यहां उन सभी वस्तुओं को विशेष महत्व दिया जाता है,जो वस्तुएं आजीविका से जुडी होती है.साथ ही कृ्षि प्रधान देश होने के कारण,कृ्षि को बचाने वाले या खेती में प्रयोग होने वाली सभी वस्तुओं को यहां पूजा जाता है.उदाहरण के लिये पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री कृ्ष्ण ने भी कहा है कि इन्द्र या अन्य देवों की पूजा करने के स्थान पर गाय,बैल और खेती के उपकरणों की पूजा की जानी चाहिए.!
इसके बाद ही गौवर्धन पर्वत की पूजा का प्रसंग सामने आता है.पंचमी तिथि के देव के रुप मे नागों को मान्यता दी गई है. इसलिये पंचमी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के लिये यह तिथि और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है.!
-:Nag Panchami 2024: हिन्दू शास्त्रों में नाग पंचमी:-
शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का दिन नाग पंचमी के रुप में मनाया जाता है.इसके अलावा भी प्रत्येक माह की पंचमी तिथि के देव नाग देवता ही है.परन्तु श्रवण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी में नाग देवता की पूजा विशेष रुप से की जाती है.इस दिन नागों की सुरक्षा करने का भी संकल्प लिया जाता है.श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी का पर्व प्रत्येक वर्ष पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया जाता है.!
-:Nag Panchami 2024: नाग पूजन प्राचीन सभ्यताओं से साथ:-
नाग पंचमी के दिन नागों का दर्शन करना शुभ होता है.सर्पों को शक्ति व सूर्य का अवतार माना जाता है.हमारा देश धार्मिक आस्था और विश्वास का देश है.हमारे यहां सर्प,अग्नि,सूर्य और पितरों को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है.प्राचीन इतिहास की प्रमाणों को उठाकर देखे तो भी इसी प्रकार के प्रमाण हमारे सामने आते है.!
इतिहास की सबसे प्राचीन सभ्यताएं जिसमें मोहनजोदडों,हडप्पा और सिंधु सभ्यता के अवशेषों को देखने से भी कुछ इसी प्रकार की वस्तुएं सामने आई है,जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है,कि नागों के पूजन की परम्परा हमारे यहां नई नहीं है.इन प्राचीन सभ्यताओं के अलावा मिस्त्र की सभ्यता भी प्राचीन सभ्यताओं में से एक है.यहां आज भी नाग पूजा को मान्यता प्राप्त है.शेख हरेदी नामक पर्व आज भी यहां सर्प पूजा से जुडा हुआ पर्व है.!
-:Nag Panchami 2024: पर्यावरण से मनुष्य जाति को जोडने वाला पर्व:-
हिन्दु धर्म-संस्कृ्ति में प्रकृ्ति के प्रत्येक प्राणी,वनस्पति,यहां तक की चल-अचल जगत को भगवान के रुप में देखता है.प्राचीन ऋषि- मुनियों ने सभी पूजाओं,पर्वों,उत्सवों को धर्म भाव से जोडा है.इससे एक ओर ये पर्व व्यक्ति की धार्मिक आस्था में वृ्द्धि करते है.दूसरी ओर अप्रत्यक्ष रुप से ये व्यक्ति को पर्यावरण से जोड रहे होते है.इसी क्रम में नाग को देवप्राणियों की श्रेणी में रखा गया,तथा नागदर्शन और पूजन को विशेष महत्व दिया गया.!
-:Nag Panchami 2024: पुराणों में नागो को देवता मानने के प्रमाण:-
पुराणों की एक कथा के अनुसार इस दिन नाग जाति का जन्म हुआ था. महाराजा परीक्षित को उनका पुत्र जनमेजय जब नाग तक्षक के काटने से नहीं बचा सका तो जनमेजय ने सर्प यज्ञ कर तक्षक को अपने सामने पश्चाताप करने के लिये मजबूर कर दिया.तक्षक के द्वारा क्षमा मांगने अर उन्हें क्षमा कर दिया. तथा यह कहा गया की श्रावण मास की पंचमी को जो जन नाग देवता का पूजन करेगा, उसे नाग दोष से मुक्ति मिलेगी.!
-:Nag Panchami 2024: नाग- पंचमी में क्या न करें:-
नाग देवता की पूजा -उपासना के दिन नागों को दूध पिलाने का कार्य नहीं करना चाहिए.उपासक चाहें तो शिवलिंग को दूध स्नान करा सकता है.यह जानते हुए की दूध पिलाने से नागों की मृ्त्यु हो जाती है. ऎसे में उन्हें दूध पिलाने से अपने हाथों से अपने देवता की जान लेने के समान है.इसलिये भूलकर भी ऎसी गलती करने से बचना चाहिए.इससे श्रद्वा व विश्वास के शुभ पर्व पर जीव हत्या करने से बचा जा सकता है.!