ॐ नमः शिवाय…… जिन व्यक्तियों की जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष हो या जिनके हाथ से जाने-अनजाने में सर्प की हत्या हुई हो गयी हो उनके जीवन में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव आते हैं,यदि आपके पास अपनी जन्म पत्रिका नहीं हो अथवा आपको अपने जन्म कालीन विवरण पता न हों तथा जीवन में निम्नलिखित समस्याओं में से किसी भी एक समस्या से आपको जूझना पड़ रहा हैं तो हों समझ लीजिये आप भी कालसर्प दोष से पीड़ित,ऐसी प्रस्थिति में आप आपने वाली 21,अगस्त को नागपञ्चमी के दिन कालसर्प दोष की शान्ति करवाएं अथवा निम्न उपाय अवश्य करें.!
-:”कालसर्प दोष के 12 लक्षण”:-
1.व्यवसाय में हानि बार-बार होना..!
2.मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता..!
3.अपनों से ठगा जाना..!
4.अकारण कलंकित होना..!
5. संतान नहीं होना या संतान की उन्नति नहीं होना.! {सन्तान हीनता}
6. विवाह नहीं होना या वैवाहिक जीवन अस्त-व्यस्त होना.! {दाम्पत्य जीवन में अल्पता}
7. स्वास्थ्य खराब होना..!
8. बार-बार चोट-दुर्घटनाएं होना..!
9. अच्छे किए गए कार्य का यश दूसरों को मिलना..!
10.भयावह स्वप्न बार-बार आना,नाग-नागिन बार-बार दिखना..!
11. मृत व्यक्ति स्वप्न में कुछ मांगे,बारात दिखना,जल में डूबना,स्वयं का मुंडन देखना,अंगहीन दिखना..!
12.गर्भपात होना या संतान होकर नहीं रहना आदि लक्षणों में से कोई एक भी हो तो कालसर्प दोष की शांति करवाएं..!
-: नाग पंचमी के दिन किए जाने वाले 12.महत्वपूर्ण कालसर्प दोष को शिथिल करने वाले उपाय:-
01.नाग पँचमी के दिन विधिविधान से कालसर्प दोष की शान्ति करवाएं.!
02.नाग-नागिन का जोड़ा चांदी का बनवाकर पूजन कर जल प्रवाहित करें.!
03.सपेरे से नाग नागिन का जोड़ा पैसे देकर लें और फिर जंगल में छोड़ दें..!
04. किसी ऐसे शिव मंदिर में जहां शिवजी पर नाग नहीं हों,वहां नाग की प्राणप्रतिष्ठा करवाएं.!
05.नारियल {गोले} के अन्दर चाँदी के नाग नागिन+जौ और काले तिल रख कर आठ बार सर से वार कर जल प्रवाह कर दें.!
06.शिवजी को चंदन तथा चंदन का इत्र अर्पण करने के बाद नित्य स्वयं लगाएं..!
07. नाग पंचमी को शिव मंदिर में सेवा करें..!
08. निम्न मंत्रों के जप-हवन करें या करवाएं।
{A}ॐ कुलदेवतायै नम:,{B}ॐ पितृदेवतायै नम:,{C} ॐ नागेन्द्र हाराय {D} ‘ॐ नागदेवतायै नम:, {E} ॐ नमः शिवाय,अथवा नाग गायत्री मंत्र ‘ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्..!
09. शिवजी का दूध से रुद्राभिषेक करवाएं,एवं विजया,अर्क पुष्प,धतूरा पुष्प,फल अर्पण करें.!
10.अपने वजन के साबुत अनाज {सतनाजा} जरूरत मन्द को दान दें.!
11.नित्य गोमूत्र का छिड़काव अपने घर पर करें,कपडे धोते समय पानी में गोअर्क मिलाएं.!
12.नाग पँचमी के दिन किसी भी मंदिर में शिव परिवार की स्थापना करवाएं..!
नोट :- अपनी पत्रिका से सम्वन्धित विस्तृत जानकारी अथवा ज्योतिष, अंकज्योतिष,हस्तरेखा, वास्तु एवं याज्ञिक कर्म हेतु सम्पर्क करें.!