दिनाँक | सोमवार 23, जनवरी 2023 |
पंचक आरम्भ | 13:51, बजे से |
सूर्योदय | 07:17 |
सूर्यास्त | 17:49 |
वि.स | 2079, नल:नामक |
मास | माघ, शुक्ल -:- पक्ष |
तिथि | द्वितीया 18:44/तृतीया |
नक्षत्र | घनिष्ठा 24:27/शतविषा |
योग | व्यतिपात 25:27/वरीयान |
करण | बालब 08:36/गर |
सूर्य राशि | मकर |
चंद्र राशि | मकर 13:51/कुम्भ |
दिशा शूल | पूर्व दिशा, आग्नेय कोण |
राहुकाल | 07:30 से 09:00, बजे तक |
अभिजीत मुहर्त | 12:01 से 12:47.तक |
-:क्या होता है पंचक…….?
पांच नक्षत्रों के समूह को पंचक कहते हैं,वैदिक ज्योतिष के अनुसार राशिचक्र में 360 अंश एवं 27 नक्षत्र होते हैं,इस प्रकार एक नक्षत्र का मान 13 अंश एवं 20 कला या 800 कला का होता है,भारतीय ज्योतिष के अनुसार जब चन्द्रमा 27 नक्षत्रों में से अंतिम पांच नक्षत्रों अर्थात धनिष्ठा,शतभिषा,पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, एवं रेवती में होता है तो उस अवधि को पंचक कहा जाता है,दूसरे शब्दों में जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर रहता है तब उस समय को पंचक कहते हैं,क्योंकि चन्द्रमा 27 दिनों में इन सभी नक्षत्रों का भोग कर लेता है,अत: हर महीने में लगभग 27 दिनों के अन्तराल पर पंचक नक्षत्र आते ही रहते हैं……!
पंचक अर्थात {पांच नक्षत्रों का समूह} यह एक ऐसा {ज्योतिष} का विशेष मुहूर्त दोष है जिसमें बहुत सारे कामों को करने की मनाही की जाती क्या यह वाकई हानिकारक होता है या फिर यह एक भ्रांति है…..!
-:’वर्ष 2023 में कब और किस दिन से लगने वाले हैं पंचक’:-
पंचक प्रारंभ काल पंचक समाप्ति काल
23 जनवरी 13:51 से 27 जनवरी 18:37 तक
20 फरवरी 01:14 से 24 फरवरी 03:44 तक
19 मार्च 11:17 से 23 मार्च 14:09 तक
15 अप्रैल 18:44 से 19 अप्रैल 23:53 तक
13 मई 00:18 से 17 मई 07:39 तक
09 जून 06:02 से 13 जून 13:33 तक
06 जुलाई 13:39 से 10 जुलाई 18:59 तक
02 अगस्त 23:26 से 07 अगस्त 01:44 तक
30 अगस्त 10:19 से 03 सितंबर 10:39 तक
26 सितंबर 20:28 से 30 सितंबर 21:08 तक
24 अक्तूबर 04:23 से 28 अक्तूबर 07:31 तक
20 नवंबर 10:08 से 24 नवंबर 16:01 तक
17 नवंबर 15:45 से 21 दिसंबर 22:09 तक