Rohini Vrat: रोहिणी व्रत

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on email
Share on print

नमो नारायण…रोहिणी व्रत जैन समुदाय के लोगों का महत्वपूर्ण व्रत है इस व्रत को जैन समुदाय के लोग करते है,यह व्रत रोहिणी नक्षत्र के दिन किया जाता हैं,इसलिए इसे व्रत को रोहिणी व्रत कहा जाता है,रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने पर रोहिणी व्रत का पारण किया जाता है,रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने के बाद मार्गशीर्ष नक्षत्र आता है,रोहिणी व्रत एक वर्ष में 12 होते है अर्थात् यह प्रत्येक महीनें में आता है,फलाहार सूर्यास्त से पहले किया जाता है क्योंकि रात को भोजन नहीं किया जाता है.!

सोमवार, 25 दिसंबर 2023, रोहिणी व्रत
रोहिणी व्रत आरंभ: 24 दिसंबर 2023 को रात्रि 21:19 बजे से
रोहिणी व्रत समाप्त: 25 दिसंबर 2023 को रात्रि 21:39 बजे

ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का पालन 3, 5 या 7 वर्षों तक लगातार किया जाता है,अगर उचित अवधि की बात करें तो यह 5 वर्ष और 5 महीने है,इस व्रत का समापन उद्यापन द्वारा ही किया जाता है, यह व्रत पुरुष और स्त्रियां दोनों कर सकते हैं,हालांकि, स्त्रियों के लिए यह व्रत अनिवार्य माना गया है, जैन समुदाय में यह मान्यता है कि यह व्रत विशेष फल देता है तथा कर्म बन्धन से छुटकारा दिलाने में सहायक होता हैं.!

-:’रोहिणी व्रत पूजा विधिः’:-
-:इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए और घर की साफ सफाई भी अच्छे से कर लेनी चाहिए,इसके बाद सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर घर की साफ-सफाई करनी चाहिए.!
-:गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें और फिर व्रत का संकल्प लें.!
-:आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें.!
-:पहले सूर्य भगवान को जल का अर्घ्य दें। इस व्रत के दौरान जैन धर्म में रात का भोजन करने की मनाही होती है। फलाहार सूर्यास्त से पूर्व कर लेना चाहिए.!

नोट :- अपनी पत्रिका से सम्वन्धित विस्तृत जानकारी अथवा ज्योतिष,अंकज्योतिष,हस्तरेखा,वास्तु एवं याज्ञिक कर्म हेतु सम्पर्क करें…!

नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पित ‘Astro Dev’ YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook Pages पर प्राप्त कर सकते हैं.II

Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on email
Share on print
नये लेख