November 18, 2024 10:52 AM

Shravan Putrada Ekadashi 2024:श्रावण पुत्रदा

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

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Shravan Putrada Ekadashi ॐ नमः शिवाय….नमो नारायण…. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पवित्रा/पुत्रदा एकादशी के रुप में मनाते हैं.इस वर्ष पवित्रा/पुत्रदा एकादशी का पर्व शुक्रवार 16 अगस्त 2024 को मनाया जाना है.धर्म ग्रंथों के अनुसर इस व्रत की कथा सुनने मात्र से वाजपेयी यज्ञ का फल प्राप्त होता है.पवित्रा एकादशी का महत्व को भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से कहा था…………!

भगवान के कथन अनुसार यदि नि:संतान व्यक्ति यह व्रत पूर्ण विधि-विधान व श्रृद्धा से करता है तो उसे संतान की प्राप्ति होती है.अत: संतान सुख की इच्छा रखने वालों को इस व्रत का पालन करने से संतान की प्राप्ति होती है.पवित्रा एकादशी का श्रवण एवं पठन करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है. वंश वृद्धि होती है तथा समस्त सुख भोगकर परलोक में स्वर्ग को प्राप्त होता है……..I

—: Shravan Putrada Ekadashi: पवित्रा एकादशी पूजा:—
इस दिन भगवान नारायण की पूजा की जाती है.सुबह स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने के पश्चात श्रीहरि का ध्यान करना चाहिए.सबसे पहले धूप-दीप आदि से भगवान नारायण की अर्चना की जाती है,उसके बाद फल-फूल,नारियल,पान, सुपारी,लौंग,तुलसी,आंवला आदि व्यक्ति अपनी सामर्थ्य अनुसार भगवान नारायण को अर्पित करते हैं………!

पूरे दिन निराहार रहकर संध्या समय में कथा आदि सुनने के पश्चात फलाहार किया जाता है इस दिन दीप दान करने का महत्व है.इस दिन भगवन विष्णु का ध्यान एवं व्रत करना चाहिए.विष्णु सहस्त्रनाम का जप एवं एकादशी कथा का श्रवण एवं पठन करना चाहिए.ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए………….I

—: Shravan Putrada Ekadashi: पवित्रा एकादशी व्रत की कथा:——
प्राचीन काल में एक नगर में राजा सुकेतुमान राज्य करते थे.राज के कोई संतान नहीं थी इस बात को लेकर वह सदैव चिन्ताग्रस्त रहते थे.एक दिन राजा सुकेतुमान वन की ओर चल दिए.वन में चलते हुए वह अत्यन्त घने वन में चले गए.वन में चलते-चलते राजा को बहुत प्यास लगने लगी.वह जल की तलाश में वन में और अंदर की ओर चले गए जहाँ उन्हें एक सरोवर दिखाई दिया.राजा ने देखा कि सरोवर के पास ऋषियों के आश्रम भी बने हुए है और बहुत से मुनि वेदपाठ कर रहे हैं…..!

राजा ने सभी मुनियों को बारी-बारी से सादर प्रणाम किया.ऋषियों ने राजा को आशीर्वाद दिया,राजा ने ऋषियों से उनके एकत्रित होने का कारण पूछा.मुनि ने कहा कि वह विश्वेदेव हैं और सरोवर के निकट स्नान के लिए आये हैं.आज से पाँचवें दिन माघ मास का स्नान आरम्भ हो जाएगा और आज पुत्रदा एकादशी है.जो मनुष्य इस दिन व्रत करता है उन्हें पुत्र की प्राप्ति होती है…….!

राजा ने यह सुनते ही कहा हे विश्वेदेवगण यदि आप सभी मुझ पर प्रसन्न हैं तब आप मुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति का आशीर्वाद दें.मुनि बोले हे राजन आज पुत्रदा एकादशी का व्रत है.आप आज इस व्रत को रखें और भगवान नारायण की आराधना करें.राजा ने मुनि के कहे अनुसार विधिवत तरीके से पवित्र एकादशी का व्रत रखा और अनुष्ठान किया.व्रत के शुभ फलों द्वारा राजा को संतान की प्राप्ति हुई. इस प्रकार जो व्यक्ति इस व्रत को रखते हैं उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है.संतान होने में यदि बाधाएं आती हैं तो इस व्रत के रखने से वह दूर हो जाती हैं.जो मनुष्य इस व्रत के महात्म्य को सुनता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है…………I

—:Shravan Putrada Ekadashi : पवित्रा एकादशी व्रत का महत्व:—
इस व्रत के नाम के अनुसार ही इसका फल है.जिन व्यक्तियों को संतान होने में बाधाएं आती है अथवा जो व्यक्ति पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं उनके लिए पवित्र एकादशी का व्रत बहुत ही शुभफलदायक होता है.इसलिए संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को व्यक्ति विशेष को अवश्य रखना चाहिए,जिससे उसे मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सके…………I

नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पितAstro Dev YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook Pages पर प्राप्त कर सकते हैं.II
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