वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ ·
श्री गणेशाय नमः ….तिल श्रीगणेश चतुर्थी का व्रत मंगलवार 24 जनवरी 2023 को रखा जायेगा.यह व्रत माघ मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है.इस दिन तिल दान करने का महत्व होता है.इस दिन गणेश भगवान को तिल के लड्डुओं का भोग लगाया जाता है.भगवान गणेश का स्थान सभी देवी-देवताओं में सर्वोपरि है.गणेश जी को सभी संकटों को दूर करने वाला तथा विघ्नहर्ता माना जाता है. जो भगवान गणेश की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करते हैं उनके घर में सुख व समृद्धि बढ़ती है.!
-:”तिल श्रीगणेश चतुर्थी मुहूर्त”:-
माघ माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि मंगलवार 24 जनवरी 2023 अपराह्न दोपहर 15 बजकर 23 मिनट से प्रारम्भ होगी, तथा बुद्धवार 25 जनवरी 2023 को मध्याहन 12 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी.प्रदोष व्यापनी माघ शुक्ल चतुर्थी के दिन यह व्रत किया जाता हैं.मंगलवार 24 को चतुर्थी तिथि प्रदोषव्यापिनी हैं,अतैव इस वर्ष माघ शुक्ल चतुर्थी {तिल श्रीगणेश चतुर्थी} का व्रत रखना शास्त्र सम्मत होगा.I
-:गणेश तिल चतुर्थी व्रत विधि:-
इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. उसके उपरान्त एक स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान भगवान गणेश की धूप-दीप आदि से आराधना करनी चाहिए. विधिवत तरीके से भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. फल,फूल, अक्षत, रौली,मौली, पंचामृत से स्नान आदि कराने के पश्चात भगवान गणेश को तिल से बनी वस्तुओं या तिल तथा गुड़ से बने लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए.!
इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को लाल वस्त्र धारण करने चाहिए. पूजा करते समय पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए. विधिवत तरीके से भगवान गणेश की पूजा करने के बाद उसी समय गणेश जी के मंत्र “उँ गणेशाय नम:” का जाप 108 बार करना चाहिए. इसी के साथ गणेश गायत्री मंत्र :-
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
इन मन्त्रों का जाप करते हुए पूजन करना चाहिए. संध्या समय में कथा सुनने के पश्चात गणेश जी की आरती करनी चाहिए. इससे आपको मानसिक शान्ति मिलने के साथ आपके घर-परिवार के सुख व समृद्धि में वृद्धि होगी.!
-:गणेश तिल चतुर्थी व्रत दान:-
इस दिन जो व्यक्ति भगवान गणेश का तिल चतुर्थी का व्रत रखते हैं और जो व्यक्ति व्रत नहीं रखते हैं वह सभी अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीब लोगों को दान कर सकते हैं. इस दिन गरीब लोगों को गर्म वस्त्र, कम्बल, कपडे़ आदि दान कर सकते हैं. भगवान गणेश को तिल तथा गुड़ के लड्डुओं का भोग लगाने के बाद प्रसाद को गरीब लोगों में बांटना चाहिए. लड्डुओं के अतिरिक्त अन्य खाद्य वस्तुओं को भी गरीब लोगों में बांटा जा सकता है.!
इस दिन दान का भी विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में दिया गया है जिसके अनुसार जो व्यक्ति व्रत के साथ-साथ दान भी करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. माघ मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रखा जाने वाला व्रत गणेश तिल चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस दिन संध्या समय में गणेश चतुर्थी की व्रत कथा को सुना जाता है कथा अनुसार भगवान शिव ने गणेश जी को आशीर्वाद दिया कि चतुर्थी के दिन जो तुम्हारा पूजन करेगा और रात्रि में चन्द्रमा को अर्ध्य देगा उसके तीनों ताप – दैहिक ताप, दैविक ताप तथा भौतिक ताप दूर होगें. व्यक्ति को सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलेगी व सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी..!