November 13, 2024 10:06 PM

Sri Lalita Jayanti 2024: श्री ललिता जयंती

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

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“ॐ ऐम ह्रीम श्रीम ॐ” माँ ललिता दस महाविद्याओं में से एक हैं. ललिता जयंती का व्रत भक्तजनों के लिए बहुत ही फलदायक होता है.श्री ललिता जयंती इस वर्ष 24 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी. भक्तों में मान्यता है कि यदि कोई इस दिन मां ललिता देवी की पूजा भक्ति-भाव सहित करता है तो उसे देवी मां की कृपा अवश्य प्राप्त होती है और जीवन में हमेशा सुख शांति एवं समृद्धि बनी रहती है.!
मां ललिता मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.पुराणों के अनुसार आदिशक्तित्रिपुर सुंदरी जगत जननी ललिता माता के मंदिर में दर्शनों एवं पूजन हेतु हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं…….I

—: Sri Lalita Jayanti 2024: श्री ललिता जयंती कथा:— |

देवी ललिता आदि शक्ति का वर्णन देवी पुराण में प्राप्त होता है.जिसके अनुसार पिता दक्ष द्वारा अपमान से आहत होकर जब दक्ष पुत्री सती ने अपने प्राण उत्सर्ग कर दिये तो सती के वियोग में भगवान शिव उनका पार्थिव शव अपने कंधों में उठाए चारों दिशाओं में घूमने लगते हैं.इस महाविपत्ति को यह देख भगवान विष्णु चक्र द्वारा सती के शव के 108 भागों में विभाजित कर देते हैं.इस प्रकार शव के टूकडे़ होने पर सती के शव के अंश जहां गिरे वहीं शक्तिपीठ की स्थापना हुई.उसी में एक माँ ललिता का स्थान भी है.भगवान शंकर को हृदय में धारण करने पर सती नैमिष में लिंगधारिणीनाम से विख्यात हुईं इन्हें ललिता देवी के नाम से पुकारा जाने लगा…..I
एक अन्य कथा अनुसार ललिता देवी का प्रादुर्भाव तब होता है जब ब्रह्मा जी द्वारा छोडे गये चक्र से पाताल समाप्त होने लगा.इस स्थिति से विचलित होकर ऋषि-मुनि भी घबरा जाते हैं,और संपूर्ण पृथ्वी धीरे-धीरे जलमग्न होने लगती है. तब सभी ऋषि माता ललिता देवी की उपासना करने लगते हैं.उनकी प्रार्थना से प्रसन्न होकर देवी जी प्रकट होती हैं तथा इस विनाशकारी चक्र को थाम लेती हैं.सृष्टि पुन: नवजीवन को पाती है…I

—: Sri Lalita Jayanti 2024:  श्री ललिता जयंती महत्व:—-

माता ललिता जयंती के उपलक्ष्य पर अनेक जगहों भव्य मेलों का आयोजन किया जाता है,जिसमें हज़ारों श्रद्धालु श्रद्धा और हर्षोल्लासपूर्वक भाग लेते हैं.मां ललिता देवी मंदिर में हमेशा ही भक्तों का तांता लगा रहता है, परन्तु जयंती के अवसर पर मां की पूजा-आराधना का कुछ विशेष ही महत्व होता है…..!
यह पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है.पौराणिक मान्यतानुसार इस दिन देवी ललिता भांडा नामक राक्षस को मारने के लिए अवतार लेती हैं. राक्षस भांडा कामदेव के शरीर के राख से उत्पन्न होता है. इस दिन भक्तगण षोडषोपचार विधि से मां ललिता का पूजन करते है.इस दिन मां ललिता के साथ साथ स्कंदमाता और शिव शंकर की भी शास्त्रानुसार पूजा की जाती है….I

—: Sri Lalita Jayanti 2024:  श्री ललिता पूजा~अर्चना:—

शक्तिस्वरूपा देवी ललिता को समर्पित ललिता जयंती आश्विन मास के शुक्ल पक्ष को पांचवे नवरात्र के दिन मनाई जाती है.इस शुभ दिन भक्तगण व्रत एवं उपवास का पालन करते हैं यह दिन ललिता जयंती व्रत के नाम से जाना जाता है. देवी ललिता जी का ध्यान रुप बहुत ही उज्जवल व प्रकाश मान है. माता की पूजा श्रद्धा एवं सच्चे मन से की जाती है. शुक्ल पक्ष के समय प्रात:काल माता की पूजा उपासना करनी चाहिए. कालिकापुराण के अनुसार देवी की दो भुजाएं हैं, यह गौर वर्ण की, रक्तिम कमल पर विराजित हैं…..!
ललिता देवी की पूजा से समृद्धि की प्राप्त होती है.दक्षिणमार्गी शाक्तों के मतानुसार देवी ललिता को चण्डी का स्थान प्राप्त है. इनकी पूजा पद्धति देवी चण्डी के समान ही है तथा ललितोपाख्यान, ललितासहस्रनाम, ललितात्रिशती का पाठ किया जाता है.दुर्गा का एक रूप भी ललिता के नाम से जाना गया है……I

नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पित ‘Astro Dev’ YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook पर प्राप्त कर सकते हैं.!

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