नमो नारायण….विजया एकादशी की अत्यधिक धार्मिक मान्यता होती है. इस दिन भगवान विष्णु का पूरे मनोभाव से पूजन किया जाता है जिससे वे अपनी कृपादृष्टि भक्तों पर बरसाते हैं.!
प्रत्येक महीने में 02 एकादशी मनाई जाती हैं और साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. इन्हीं एकादशी में से एक है विजया एकादशी. मान्यतानुसार इस एकादशी का व्रत रखने पर अपने शत्रुओं पर विजय मिल जाती है.पंचांग दिवाकर के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस साल एकादशी की सही तारीख को लेकर भक्तों में उलझन की स्थिति बन रही है. कुछ का मानना है कि एकादशी का व्रत 06 मार्च के दिन रखा जाएगा तो कुछ का मत है कि विजया एकादशी 07 मार्च के दिन है. जानिए एकादशी की सही तिथि क्या है और किस तरह विजया एकादशी के दिन पूजा के माध्यम से श्रीहरि का पूजन किया जा सकता है.!
-:-विजया एकादशी शुभ मुहूर्त”:-
पंचांग दिवाकर के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 06 मार्च, बुधवार सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर होगी और इसका समापन 07 मार्च की प्रातः 04 बजकर 14 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में उदया तिथि के चलते विजया एकादशी का व्रत 06 मार्च के दिन ही रखा जाएगा और इसी दिन श्रीहरि की पूजा की जाएगी.भगवान विष्णु की एकादशी के दिन पूरे दिन में कभी भी पूजा की जा सकती है.!
विजया एकादशी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है और स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं. इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं. अब सूर्यदेव को जल अर्घ्य दिया जाता है. मंदिर की सफाई की जाती है और उसमें एक चौकी पर लाल कपड़ा वस्त्र बिछाया जाता है. इस चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखी जाती है और श्रीहरि को फूल, धूप, दीप और फल आदि अर्पित किए जाते हैं. इसके बाद विष्णु आरती की जाती है, भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप किया जाता है और भक्त विष्णु चालीसा का पाठ भी करते हैं. इसके बाद पंचामृत में तुलसी का पत्ता डालकर भोग स्वरूप भगवान विष्णु को लगाया जाता है. माना जाता है कि एकादशी की पूजा में तुलसी को सामग्री में सम्मिलित करना शुभ होता है लेकिन इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ने के बजाए एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना चाहिए. अंत में सभी को प्रसाद बांटकर पूजा का समापन किया जाता है. भक्त अपनी मनोकामनाएं भगवान विष्णु से कहते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का वरदान मानते हैं.!
नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पित ‘Astro Dev’ YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook पर प्राप्त कर सकते हैं.II