या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
जय माता दी……चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के साथ ही नव संवत्सर का प्रारंभ होता है,यहीं से सनातन हिन्दू नव वर्ष भी आरम्भ होता हैं,चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी विक्रम संवत 2081, मंगलवार 09 अप्रैल 2024 से प्रारम्भ होगा,इसे हिन्दू नववर्ष भी कहा जाता है,पंचांग में 12 महीने होते हैं और हर महीने का प्रारंभ कृष्ण पक्ष से होता है,ब्रह्म पुराण के अनुसार इसी तिथि को ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी.!
-:’कालयुक्त संवत्सर’:-
जिस तरह अंग्रेजी कैलेंडर में हर एक महीने का नाम होता है, उसी तरह पंचांग के अनुसार हर वर्ष का भी नाम होता है,ज्योतिष काल गणना के अनुसार हर वर्ष का नाम रखा जाता है,इस वर्ष का नाम कालयुक्त है,इस वर्ष का नाम कालयुक्त है और इसके राजा मंगल और मंत्री शनि ग्रह है.बाकी के ग्रह इस वर्ष के मंत्रिमंडल के सदस्य माने जाएंगे,इस वर्ष को कई नकारात्मक घटनाओं वाला वर्ष माना जा रहा है,माना जाता है कि जब राजा या किसी देश के प्रधानमंत्री और बाकी मंत्रियों के बीच अच्छा तालमेल होता है,तो वहां सुशासन चलता है,लेकिन कालयुक्त वर्ष में चंद्रमंगल और शनि मंत्री है.दोनों के बीच शत्रुता का भाव रहता है,ऐसे में इस वर्ष पर इनका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है,आइए, जानते हैं इस वर्ष में कौन-सी घटनाएं हो सकती हैं.!
-:’बनेगा विश्वघस्र योग’:-
विश्वघस्र पक्ष का अर्थ यह है कि कई बार सूर्य-चंद्र की स्पष्ट गणित प्रक्रिया के कारण किसी पक्ष में दो बार तिथि का क्षय हो जाने से 13 दिन का पक्ष भी आ जाता है,इसे ‘विश्वघस्र पक्ष’ भी कहते हैं,विश्वघस्र पक्ष को इसलिए भी अशुभ माना जा रहा है क्योंकि महाभारत में भी तेरह दिन के पक्ष के अशुभत्व के सम्बध में वर्णन किया गया है,इसी पक्ष के कारण महाभारत के युद्ध का इतना भीषण प्रभाव देखने को मिला था.!
तेरह दिनों (13 Days) के पक्ष को शुभ नहीं माना जाता,विशेषकर किसी देश की जनता के लिए यह पक्ष बहुत ही अनिष्ट परिणाम लेकर आता है,इसमें महंगाई तेजी से बढ़ने लग जाती है,इसके अलावा लोगों की आय कम होने लगती है, जिससे उन्हें रोजमर्रा का सामान खरीदना भी बहुत महंगा पड़ने लगता है,लोग किसी महामारी का शिकार होने लग जाते हैं या उनकी सेहत हमेशा बिगड़ती रहती है,इसके अलावा हिंसा होने लगती है,किसी मुद्दे को लेकर हिंसा, आगजनी और मार-पीट की घटनाएं बढ़ने लग जाती है,लोग अपना धैर्य और संयम खोने लग जाते हैं,ऐसे में उन्हें उकसाना आसान हो जाता है और छोटी-छोटी बातों पर विवाद बढ़ने लग जाता है.!
-:’राजनैतिक दलों में बिखराव’:-
राजनीति भी इस कालयुक्त वर्ष के अशुभ प्रभाव से अछूती नहीं रहेगी,एक तरफ जहां आर्थिक, सामाजिक परिस्थितियां अंशातिपूर्ण रहेंगी, वहीं राजनैतिक पार्टियों के बीच विग्रह टकराव और बिखराव की स्थिति पैदा हो सकती है,देशों के बीच में कुछ मुद्दों को लेकर विवाद की स्थिति देखी जाएगी,कहीं तोड़-फोड़, विस्फोटक घटनाएं होगी,देशों के बीच तालमेल न होने के कारण भंयकर युद्ध की स्थितियां भी आ सकती हैं,कई नेताओं पर कई आरोप भी लग सकते हैं, जिससे राजनीति में पूरे साल हलचल देखने को मिलेगी.!
-:’प्राकृतिक आपदाएं’:-
देश में मानव जनित समस्याओं के अलावा प्राकृतिक आपदाएं भी देखने को मिलेंगी,भूकम्प, लैंड स्लाइड, बाढ़, बादल फटना, तूफान, चक्रवात, आंधी, ओलावृष्टि जैसी घटनाओं के होने से लोगों को भारी हानि होगी,इन प्राकृतिक आपदाओं से कृषि उत्पादन में कमी औ पशुधन की भी हानि होगी, प्राकृतिक आपदाओं का सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों पर अशुभ प्रभाव पड़ेगा.!
कालयुक्त में अपराध में बढ़ोत्तरी भी होगी,इससे चोरी, ठगी, बेईमानी, भ्रष्टाचार, हिंसा, उपद्रव की घटनाएं होगी, जिससे समाज में अंशाति का माहौल होगा,देश में आगजनी, साम्प्रदायिक हिंसा, उग्रवाद, आंतकवादी गतिविधियां बढ़ जाएंगी। वहीं, अपहरण, डकैती, हत्या, आत्महत्या जैसी घटनाएं भी काफी बढ़ जाएंगी.!
नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पित ‘Astro Dev’ YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook पर प्राप्त कर सकते हैं.II