Hartalika Vrat 2024: ॐ नमः शिवाय…शक्तिरूपा पार्वती की कृपा प्राप्त करने हेतु सौभाग्य वृद्धिदायक हरितालिका व्रत करने का विचार शास्त्रों में बताया गया है. इस वर्ष यह व्रत सोमवार 06 सितम्बर शुक्रवार 2024 को किया जाना है. यह व्रत गौरी तृतीया व्रत के नाम से भी जाना जाता है. भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन इस व्रत को किया जाता है. शुक्ल तृतीया को किया जाने वाला यह व्रत शिव एवं देवी पार्वती की असीम कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है. विभिन्न कष्टों से मुक्ति एवं जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस व्रत की महिमा का बखान पूर्ण रुप से प्राप्त होता है.!
-:Hartalika Vrat 2024: हरितालिका व्रत का पौराणिक रुप:-
ऋषियों का कथन है कि इस व्रत और उपवास के नियमों को अपनाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है स्त्रियों को दांपत्य सुख प्राप्त होता है. सौभाग्य गौरी तृतीया व्रत की महिमा के संबंध में शिवपुराण में उल्लेख प्राप्त होता है. जब संपूर्ण लोक दग्ध हो गया था, तब सभी प्राणियों का सौभाग्य एकत्र होकर बैकुंठलोक में विराजमान भगवान श्री विष्णु के वक्षस्थल में स्थित हो जाता है और जब पुनः सृष्टिरचना का समय आता है.!
तब श्री ब्रह्माजी तथा श्री विष्णुजी में स्पर्धा जाग्रत होती है उस समय अत्यंत भयंकर ज्वाला प्रकट होती है. उस ज्वाला से भगवान श्री विष्णु का वक्षस्थल गर्म हो जाता है. जिससे श्री विष्णु के वक्षस्थल में स्थित सौभाग्य रुपी रस पृथ्वी पर गिरने लगता है परंतु उस रस को ब्रह्माजी के पुत्र दक्ष प्रजापति आकाश में ही रोककर पी लेते हैं.!
दक्ष के सौभाग्यरस का पान करने के परिणाम स्वरुप उसके अंश के प्रभाव से उन्हें पुत्री रुप में सती की प्राप्ति होती है. माता सती के अनेकों नाम हैं जिसमें से गौरी भी उन्हीं का एक नाम है. शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को भगवान शंकर के साथ देवी सती विवाह हुआ था अतः इस दिन उत्तम सौभाग्य की कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत किया जाता है. यह व्रत सभी मनोरथों को पूर्ण करने वाला है….!
-:Hartalika Vrat 2024: हरितालिका व्रत शुभ मुहूर्त:-
तृतीया तिथि रविवार 17 सितम्बर को पूर्वाह्न 11:10 से प्रारम्भ होकर सोमवार 18 सितम्बर को 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगी,उद्या तिथि के अनुसार 18 सितम्बर को ही हरितालिका तृतीया {तीज} व्रत व्रत करना शास्त्र सम्मत होगा ,इस अवधी में हरितालिका तीज पूजन का शुभ मुहूर्त सोमवार 18 को प्रातः 09 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 39.मिनट तक सर्वोत्तम अवधी रहेगी.!
-:Hartalika Vrat 2024: हरितालिका व्रत पूजा विधि:-
हरतालिका तीज पर माता पार्वती और भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा की जाती है,भगवान शिव-पार्वती की पूजा प्रदोषकाल में किया जाता है,सूर्यास्त के बाद के मुहूर्त को प्रदोषकाल कहा जाता है,यह दिन और रात के मिलन का समय होता हैं.!
-: पूजा के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाएं.!
-: पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शंकर,माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें.!
-:इसके बाद देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव,माता पार्वती और भगवान गणेश का पूजन करें.!
-:सुहाग की सारी वस्तु रखकर माता पार्वती को चढ़ाना इस व्रत की मुख्य परंपरा है,इसमें शिवजी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है.!
-: यह सुहाग सामग्री सास के चरण स्पर्श करने के बाद ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान देना चाहिए.!
-:Hartalika Vrat 2024: हरितालिका व्रत के नियम:-
1. हरतालिका तीज व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है,व्रत के बाद अगले दिन जल ग्रहण करने का विधान है.!
2. हरतालिका तीज व्रत करने पर इसे छोड़ा नहीं जाता है,प्रत्येक वर्ष इस व्रत को विधि-विधान से करना चाहिए.!
3. हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण किया जाता है,रात में भजन-कीर्तन करना चाहिए.!
4. इस व्रत को कुंवारी कन्या,सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं,शास्त्रों में विधवा महिलाओं को भी यह व्रत रखने की आज्ञा दी गई है.!
-:Hartalika Vrat 2024: हरितालिका व्रत के पूजन में अर्पण करें सुहाग सामग्री:-
हरतालिका तीज व्रत में देवी पार्वती की पूजा में सुहाग सामग्री चढ़ाई जाती है,जिसमें मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, आदि,इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम और दीपक होता है.!
-:Hartalika Vrat 2024: हरितालिका व्रत कथा:-
हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था,हिमालय पर गंगा नदी के तट पर माता पार्वती ने भूखे-प्यासे रहकर तपस्या की,माता पार्वती की यह स्थिति देखकर उनके पिता हिमालय दुखी थे.!
एक दिन महर्षि नारद भगवान विष्णु की ओर से पार्वती जी के विवाह का प्रस्ताव लेकर आए लेकिन जब पार्वतीजी को इस का पता चला तो, वे विलाप करने लगी,एक सखी को उन्होंने बताया कि, वे भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप कर रही हैं,इसके बाद अपनी सखी की सलाह पर माता पार्वती वन में चली गईं और भगवान शिव की आराधना में लीन हो गई.!
इस दौरान भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और भोलेनाथ की आराधना की,माता पार्वती के कठोर तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वतीजी की इच्छानुसार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया.!
-:Hartalika Vrat 2024: हरितालिका व्रत महत्व:-
यह व्रत स्त्रियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है. मान्यता है कि इस व्रत का पालन माता पार्वती ने किया था जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे. भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की तृतीया को उन्होने इस व्रत को आरंभ किया. निर्जल-निराहार व्रत करते हुए शिव मंत्र का जप करते हुए देवी पार्वती की भक्ति एवं दृढता से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें दर्शन दिए थे.!
भाद्रपद शुक्ल तृतीया के दिन पार्वती की यह तपस्या पूर्ण होती है. तब से यह पावन तिथि स्त्रियों के लिए सौभाग्यदायिनी मानी जाती है. सुहागिन स्त्रियां पति की दीर्घायु और अखण्ड सौभाग्य की कामना के लिए इस दिन आस्था के साथ व्रत करती हैं. अविवाहित कन्याएं भी मनोवांछित वर की प्राप्ति हेतु इस व्रत को करती देखी जा सकती हैं.!