Adhik Maas: पुरुषोत्तम/अधिक मास

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

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ॐ नमो नारायण….आधिक मास हिन्दू पंचांग में एक अतिरिक्त माहीने को कहा जाता है,इस महीने में सभी प्रकार के शुभ कार्य करने पर प्रतिबंध होता है,इसे पुरुषोत्तम मास अथवा मलमास भी कहा जाता है,ज्योतिष शस्त्र के अनुसार अधिक-मास प्रत्येक या मलमास कहा जाता है,भगवान विष्णु की पूजा आदिक मास में की जाती है.!
तीन वर्ष के बाद आता है,परंतु कौन सा हिन्दी माह अधिक होगा वह ज्योतिष गणना से ही निकाला जाता है.!

क्यों होता है अधिक मास.?
हिंदू पंचांग में 12 महीने होते हैं, जिनका आधार चंद्रमा की गति है,सूर्य कैलेंडर मे एक वर्ष 365 दिन और लगभग 6 घंटे का होता है, जबकि हिंदू पंचांग चंद्रमा का एक वर्ष 354 दिनों का माना जाता है.इन दोनो कैलेंडर वर्ष के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर है,यह 11 दिन का अंतर तीन साल में एक महीने के बराबर हो जाता है,इस अंतर को दूर करने के लिए,हर तीन साल के अंतराल में एक चंद्र महीना अस्तित्व में आता है,इस नये बढ़े हुए महीने को ही अधिक मास कहा जाता है कि भगवान विष्णु, अधिक मास के भगवान हैं, तथा पुरुषोत्तम उनका एकमात्र नाम है,इसलिए अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है.!

भारतीय मनीषियों ने अपनी गणना पद्धति से प्रत्येक चंद्र मास के लिए एक देवता निर्धारित किया, चूँकि अधिक मास सूर्य एवं चंद्र महीने के बीच का संतुलन स्थापित करता है,इसलिए कोई देवता इस अतिरिक्त महीने का शासक बनने के लिए तैयार नहीं था,ऐसी स्थिति में, ऋषि-मुनियों ने भगवान विष्णु से इस महीने का भार अपने ऊपर लेने का आग्रह किया,भगवान विष्णु ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और इस तरह यह माह पुरुषोत्तम माह बन गया.!

नॉट -: कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य इस महीने में नहीं किए जाते हैं.!

साल 2023 में अधिक मास का प्रारंभ 18 जुलाई दिन मंगलवार से हो रहा है.इस बार अधिक मास सावन माह के साथ जुड़ा हुआ है,इसलिए यह सावन अधिक मास है. सावन में अधिक मास के जुड़ने से श्रावण माह 59 दिनों का हो गया है.अधिक मास को मलमास या पुरूर्षोत्तम मास भी कहते हैं.अधिक मास चातुर्मास से अलग होता है.अधिक मास एक महीने का होता है,जबकि चातुर्मास में चार माह आते हैं.!

-:’अधिक मास 2023 का प्रारंभ और समापन’:-
इस साल अधिक मास की शुरूआत 18 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 16 अगस्त को होगा.अधिक मास में पहले शुक्ल पक्ष आएगा और उसके बाद कृष्ण पक्ष आएगा. सावन का कृष्ण पक्ष और अधिक मास का शुक्ल पक्ष एक माह हो जाएंगे. उसके बाद अधिक मास का कृष्ण पक्ष और सावन का शुक्ल पक्ष एक माह हो जाएंगे. इस तरह से इस साल का सावन 2 माह को होाग.!

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