Bhadrapada 2023: भाद्रपद मास-होगा भद्र-रखें इन बातों का ध्यान

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

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नमो नारायण…..सनातन हिन्दू के ग्रन्थ पंचांग के अनुसार 12 महीनों में छठा माह भाद्रपद (भादौ) है.इस बार यह 19 अगस्त,शुक्रवार से शुरू हो रहा है.यह चातुर्मास के चार पवित्र महीनों का दूसरा महीना भी है.हिन्दू पंचाग का भाद्रपद महीना भादौ,भादवा या भाद्र के नाम से भी जाना जाता है।

इस महीने में आकाश में पूर्वा या उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के योग बनने से इस माह का नाम भाद्रपद है.यह योग भाद्रपद पूर्णिमा के दिन बनता है.भाद्रपद महीना हिंदू धर्म के पवित्र चातुर्मास के अंतर्गत आता है,इसलिए इसमें कुछ नियमों का पालन करना धर्म ग्रन्थों में अनिवार्य बताया गया है..!

01.शारीरिक शुद्धि या सुंदरता के लिए संतुलित मात्रा में पंचगव्य( दूध, दही, घी गोमूत्र, गोबर) का सेवन करें.!
02. वंश वृद्धि के लिए नियमित दूध पीएं.!
03. अपकर्मों के नाश व पुण्य प्राप्ति के लिए एकभुक्त (एक समय),अयाचित (बिना मांगा) भोजन या सर्वथा उपवास करने का व्रत लें.!

-:’Bhadrapada 2023: इनका त्याग करें’:-

01.मधुर स्वाद के लिए गुड़ का त्याग करें.!
02. लंबी उम्र एवम पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति के लिए तेल का त्याग करें.!
03. तामसिक भोजन का त्याग करें.!
04. मोक्ष प्राप्ति के लिए भोग विलासता का त्याग करें.!
05. पलंग पर सोना,भार्या का संग करना,झूठ बोलना,मांस,शहद और दूसरे का दिया दही-भात आदि का भोजन करना,हरी सब्जी,मूली एवं बैंगन आदि का भी त्याग कर देना चाहिए.!

–: Bhadrapada 2023: भादो हैं विशेष:—-

भाद्रपद चातुर्मास के चार पवित्र महीनों का दूसरा महीना है.चातुर्मास धार्मिक और व्यावहारिक नजरिए से जीवनशैली में संयम और अनुशासन अपनाने का काल है.भाद्रपद मास में हिन्दू धर्म के अनेक बड़े व्रत,पर्व,उत्सव भी मनाए जाते हैं जैसे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी,हरतालिका तीज,गणेशोत्सव,ऋषि पंचमी, डोल ग्यारस आदि.!

इन पर्व,उत्सवों ने सदियों से भारतीय धर्म परंपराओं और लोक संस्कृति को समृद्ध किया है.हिंदू धर्म परंपराओं में इस माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कर्म का संदेश देने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है तो शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को प्रथम पूज्य देवता श्रीगणेश का जन्मोत्सव होता है.इस प्रकार यह मास कर्म और बुद्धि के संतुलन और साधना से जीवन में सफलता पाने का संदेश लेकर भी आता है.।

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