November 12, 2024 8:44 AM

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

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ॐ नमः शिवाय……. हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है,अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है.सोमवार का प्रदोष,मंगलवार को आने वाला प्रदोष और अन्य वार को आने वाला प्रदोष सभी का महत्व और लाभ अलग अलग है…!

01.रविवार :- जो प्रदोष रविवार के दिन पड़ता है उसे भानुप्रदोष या रवि प्रदोष कहते हैं,इस दिन नियम पूर्वक व्रत रखने से जीवन में सुख,शांति और लंबी आयु प्राप्त होती है,रवि प्रदोष का संबंध सीधा सूर्य से होता है,अत: चंद्रमा के साथ सूर्य भी आपके जीवन में सक्रिय रहता है,यह सूर्य से संबंधित होने के कारण नाम,यश और सम्मान भी दिलाता है,यदि आपकी जन्म पत्रिका में सूर्य की स्तिथि प्रतिकूल हो अथवा सूर्य से सम्वन्धित अपयश के योग हो तो यह प्रदोष करें,रवि प्रदोष रखने से सूर्य संबंधी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं …!

02.सोमवार :- सोमवार को त्रयोदशी तिथि आने पर इसे सोम प्रदोष कहते हैं,यह व्रत रखने से इच्छा अनुसार फल प्राप्ति होती है,यदि आपकी पत्रिका में चंद्र की स्थिति प्रतिकूल हों तो आपको यह प्रदोष जरूर नियम पूर्वक रखना चाहिए जिससे जीवन में शांति बनी रहेगी,अक्सर लोग संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत रखते हैं….!

03.मंगलवार :- मंगलवार को आने वाले इस प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं,इस दिन स्वास्थ्य सबंधी तरह की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है,इस दिन प्रदोष व्रत विधिपूर्वक रखने से कर्ज से छुटकारा मिल जाता है,एवं पत्रिका में भौम दोष से मुक्ति मिलती हैं…!

04.बुधवार :- इस दिन को आने वाले प्रदोष को सौम्यवारा प्रदोष भी कहा जाता है यह शिक्षा एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए किया जाता है,साथ ही यह जिस भी तरह की मनोकामना लेकर किया जाए उसे भी पूर्ण करता है,यदि आपमें ईष्ट प्राप्ति की इच्छा है तो यह प्रदोष अवश्य रखें,एवं पत्रिका में बुद्ध की स्तिथि प्रतिकूल हों अथवा वाणी दोष हों तो सौम्य प्रदोष का व्रत अवश्य रखें….!

05.गुरुवार :- इस दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरुवारा प्रदोष कहते हैं,इससे आपक बृहस्पति ग्रह शुभ प्रभाव तो देता ही है साथ ही इसे करने से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है,अक्सर यह प्रदोष शत्रु एवं खतरों के विनाश के लिए किया जाता है,यह हर तर की सफलता के लिए भी रखा जाता है..!

06.शुक्रवार :- इसे भ्रुगुवारा प्रदोष कहा जाता है,जीवन में सौभाग्य की वृद्धि हेतु यह प्रदोष किया जाता है,सौभाग्य है तो धन और संपदा स्वत: ही मिल जाती है,इससे जीवन में हर कार्य में सफलता भी मिलती है.ज्योतिषीय दृष्टिकोण के अनुसार इस व्रत को रखने से शुक्र ग्रह बली होता हैं….!

07.शनिवार :- शनि प्रदोष से संतति की प्राप्ति होती है,अक्सर लोग इसे हर तरह की मनोकामना के लिए और नौकरी में पदोन्नति की प्राप्ति के लिए करते हैं,शनि ग्रह के शुभ फल प्राप्ति के लिए भी शनि प्रदोष का व्रत किया जाता हैं….!

नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पित ‘Astro Dev’ YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook पर प्राप्त कर सकते हैं.!

नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पितAstro Dev YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook Pages पर प्राप्त कर सकते हैं.II
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