Saubhagyavatinaam Shraddha 2024: ऊं पित्रेश्वराय नमः…श्राद्ध पक्ष /पितृ पक्ष की नवमी तिथि को सौभाग्यवती नवमी श्राद्ध किया जाता हैं,इस अवसर पर ऐसे श्राद्धकर्ता अपनी दिवंगत माताओं का श्राद्ध कैट हैं,जिनके पिता जीवित हैं,अथवा माता के मृत्यु के पश्चात् पिता की मृत्यु हुई हो.अतैव सौभाग्यवती स्त्री का श्राद्ध हमेशा नवमी तिथि में ही किया जाता है,भले ही मृत्यु की तिथि कोई अन्य हो,इस वर्ष 25 सितम्बर नवमी श्राद्ध ,सौभाग्यवतीनां श्राद्ध,मातृ नवमी का श्राद्ध किया जायेगा.!
!.देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिश्च एव च.!
!!.नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव भवन्त्युत.!!
शास्त्रगत मान्यतानुसार दिवंगत सौभाग्यवती स्त्री का श्राद्ध नवमी तिथि में किया जाता है,यही वजह है कि नवमी तिथि को सौभाग्यवती श्राद्ध के नाम से जाना जाता है,इस मौके पर पुत्र अपनी दिवंगत माताओं का श्राद्ध कैट हैं,सुबह नदी-तालाब में स्नान के बाद दिवंगत आत्मा के निमित्त पानी में तिल व जौ लेकर तर्पण प्रक्रिया पूरी की जाएगी और फिर कनेर, गुलबकाबली, सफेद कमल आदि पुष्प अर्पित कर उनका ध्यान करते हुए पितृगायत्री का जाप किया जाता हैं,इसी क्रम में बड़ा-पूड़ी का उन्हें भोग लगाया जाएगा और फिर पितृ दूत कौओं को भी वहीं भोग खिलाया जाएगा,अंत में प्रसाद स्वरूप परिजन भी उसी भोग को ग्रहण करेंगे,मान्यतानुसार अनुसार पितृ पक्ष में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध करने से सुख-शांति,समृद्धि व दीर्घायु प्राप्त होती है..!