जय नारायण की….वर्ष 2023 की अंतिम सोमवती अमावस्या कार्तिक अमावस्या के दिन है.उस दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. शिव और माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य मिलता है. सोमवती अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति के भी उपाय किए जाते हैं. कार्तिक आमवस्या को दिवाली अमावस्या भी कहते हैं क्योंकि कार्तिक अमावस्या को प्रदोष काल में दिवाली मनाते हैं.किसी भी माह की जो अमावस्या सोमवार के दिन होती है,उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं.इस बार सोमवती अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि समेत 3 शुभ योग बन रहे हैं.!
दिवाकर पंचांग के अनुसार, इस वर्ष की अंतिम सोमवती अमावस्या कार्तिक अमावस्या के दिन पड़ रही है.कार्तिक अमावस्या तिथि 12 नवंबर दिन रविवार को दोपहर 14 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होने वाली है और यह तिथि 13 नवंबर सोमवार को दोहर 14 बजकर 57 मिनट तक मान्य रहेगी.उदयातिथि के अनुसार वर्ष की अंतिम सोमवती अमावस्या 13 नवंबर को है.!
सोमवती अमावस्या 2023 पर स्नान-दान का समय क्या है…?
13 नवंबर को सोमवती अमावस्या के दिन आप ब्रह्म मुहूर्त से स्नान और दान कर सकते हैं.उस दिन प्रात:काल से सौभाग्य योग बना हुआ है.उस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 04:51 बजे से लेकर सुबह 05:41 बजे तक है.सोमवती अमावस्या पर पूरे दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है.!
3 शुभ योग में है सोमवती अमावस्या 2023
सोमवती अमावस्या पर 3 शुभ योग सौभाग्य, शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं.सौभाग्य योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 15 बजकर 23 मिनट तक है.उसके बाद से शोभन योग प्रारंभ हो जाएगा, जो पूरी रात तक है.सोमवती अमावस्या तिथि में सर्वार्थ सिद्धि योग 14 नवंबर को प्रातः 03:21 से सुबह 06:51 बजे तक है.!
-:”सोमवती अमावस्या पर पायें पितृ दोष से मुक्ति”:-
सोमवती अमावस्या के दिन आप दिन में 11:00 बजे से दोपहर 14:31 बजे तक पितृ दोष उपाय कर सकते हैं. उस दिन आप स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, अन्न दान, ब्राह्मण भोज, पंचबलि कर्म आदि कर सकते हैं. इससे पितर प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा आप पितृ दोष मुक्ति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध कर सकते हैं.!
अमावस्या सनातन हिन्दु पंचांग के अनुसार माह की 30 वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है उस दिन आकाश में चंद्रमा दिखाई नहीं देता,रात्रि में सर्वत्र गहन अन्धकार छाया रहता है,इस दिन का ज्योतिष एवं तंत्र शास्त्र में अत्यधिक महत्व हैं,तंत्र शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन किये गए उपाय बहुत ही प्रभावशाली होते है और इसका फल भी अति शीघ्र प्राप्त होता है,पितृ दोष हो या किसी भी ग्रह की अशुभता को दूर करना हो,अमावस्या के दिन सभी के लिए उपाय बताये गए है,आपकी आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक सभी तरह की परेशानियाँ इस दिन थोड़े से प्रयास से ही दूर हो सकती है.!
-:हर अमावस्या को घर के कोने कोने को अच्छी तरह से साफ करें,सभी प्रकार का कबाड़ निकाल कर बेच दें,इस दिन सुबह शाम घर के मंदिर और तुलसी पर दिया अवश्य ही जलाएं इससे घर से कलह और दरिद्रता दूर रहती है.!
-:अमावस्या पर तुलसी के पत्ते या बिल्व पत्र बिलकुल भी नहीं तोडऩा चाहिए,अमावस्या पर देवी-देवताओं को तुलसी के पत्ते और शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने के लिए उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें.!
-:धन लाभ के लिए अमावस्या के दिन पीली त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लगातार लहराती रहे,तो आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा,लगातार स्थाई लाभ हेतु यह ध्यान रहे की झंडा वहाँ लगा रहना चाहिए,उसे आप समय समय पर स्वयं बदल भी सकते है.!
-:हर अमावस्या को गहरे गड्ढे या कुएं में एक चम्मच दूध डालें इससे कार्यों में बाधाओं का निवारण होता है,इसके अतिरिक्त अमावस्या को आजीवन जौ दूध में धोकर बहाएं,आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा.!
-:अमावस्या के दिन शनि देव पर कड़वा तेल,काले उड़द,काले तिल,लोहा,काला कपड़ा और नीला पुष्प चढ़ाकर शनि का पौराणिक मंत्र “ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसंभुतं नमामि शनैश्चरम।” की एक माला का जाप करने से शनि का प्रकोप शांत होता है ,एवं अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है,हर अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे कड़वे तेल का दिया जलाने से भी पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं.!
-:प्रत्येक अमावस्या को गाय को पांच फल भी नियमपूर्वक खिलाने चाहिए, इससे भी घर में शुभता एवं हर्ष का वातावरण बना रहता है.!
-:अमावस्या के दिन किसी सरोवर पर गेहूं के आटे की गोलियां ले जाकर मछलियों को डालें। इस उपाय से पितरों के साथ ही देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है, धन सम्बन्धी सभी समस्याओं का निराकरण होता है.!
-:अमावस्या के दिन एक कागजी नींबू लेंकर शाम के समय उसके चार टुकड़े करके किसी भी चौराहे पर चुपचाप चारों दिशाओं में फेंक दें। इस उपाय से जल्दी ही बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाती है.!
-:अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिबिया काले कपडे में बांध कर सिंदूर में रखे, इससे शीघ्र ही आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है.!
-:अमावस्या के दिन क्रोध, हिंसा, अनैतिक कार्य, माँस, मदिरा का सेवन एवं स्त्री से शारीरिक सम्बन्ध, मैथुन कार्य आदि का निषेध बताया गया है, जीवन में स्थाई सफलता हेतु इस दिन इन सभी कार्यों से दूर रहना चाहिए.!
-:अमावस्या पर पितरों की तृप्ति के लिए विशेष पूजन करना चाहिए.यदि आपके पितृ देवता प्रसन्न होंगे तभी आपको अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त हो सकती है,पितरों की कृपा के बिना कठिन परिश्रम के बाद भी जीवन में अस्थिरता रहती है, मेहनत के उचित फल प्राप्त नहीं होती है.!
-:हर अमावस के दिन एक ब्राह्मण को भोजन अवश्य ही कराएं,इससे आपके पितर सदैव प्रसन्न रहेंगे, आपके कार्यों में अड़चने नहीं आएँगी, घर में धन की कोई भी कमी नहीं रहेंगी और आपका घर – परिवार को टोने-टोटको के अशुभ प्रभाव से भी बचा रहेगा.!
-:पितृ दोष निवारण के लिये यदि कोई व्यक्ति अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल में दूध , गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल मिलाकर सींचते हुए पुष्प, जनेऊ अर्पित करते हुये “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः” मंत्र का जाप करते हुये 7 बार परिक्रमा करे तत्पश्चात् ॐ पितृभ्यः नमः मंत्र का जप करते हुए अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष से उत्पन्न समस्त समस्याओं का निवारण हो जाता है। और अगर सोमवती अमावस्या हो तो पीपल की 108 बार परिक्रमा करने से विशेष लाभ मिलता है.!
-:हर अमावस्या पर पितरों का तर्पण अवश्य ही करना चाहिए,तर्पण करते समय एक पीतल के बर्तन में जल में गंगाजल , कच्चा दूध, तिल, जौ, तुलसी के पत्ते, दूब, शहद और सफेद फूल आदि डाल कर पितरों का तर्पण करना चाहिए। तर्पण, में तिल और कुशा सहित जल हाथ में लेकर दक्षिण दिशा की तरफ मुँह करके तीन बार तपरान्तयामि, तपरान्तयामि, तपरान्तयामि कहकर पितृ तीर्थ यानी अंगूठे की ओर जलांजलि देते हुए जल को धरती में किसी बर्तन में छोड़ने से पितरों को तृप्ति मिलती है। ध्यान रहे तर्पण का जल तर्पण के बाद किसी वृक्ष की जड़ में चड़ा देना चाहिए वह जल इधर उधर बहाना नहीं चाहिए.!
-:पितरों को खीर बहुत पसंद होती है इसलिए प्रत्येक माह की अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को भोजन के साथ खिलाने पर महान पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती है। इस दिन संध्या के समय पितरों के निमित थोड़ी खीर पीपल के नीचे भी रखनी चाहिए.!
-:अमावस्या के दिन काले कुत्ते को कड़वा तेल लगाकर रोटी खिलाएं। इससे ना केवल दुश्मन शांत होते है वरन आकस्मिक विपदाओं से भी रक्षा होती है.!
वैसे तो सभी अमावस्या का महत्व है लेकिन सोमवार एवं शनिवार को पड़ने वाली अमावास्या विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। इसके अतिरिक्त मौनी अमावस्या और सर्वपितृ दोष अमावस्या अति महत्वपूर्ण मानी गयी है.।
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