जय माता दी….सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा-व्रत करने का विधान है,हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है,इस बार पौष माह में मासिक दुर्गाष्टमी 18 जनवरी को है,धार्मिक मत के अनुसार इस खास अवसर पर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा- व्रत करने से साधक का जीवन सुखमय होता है.I
-:मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है.!
-:मासिक दुर्गाष्टमी के दिन कुछ चीजों का दान करना फलदायी होता है.!
-:पौष माह में मासिक दुर्गाष्टमी 18 जनवरी को है.!
सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा-व्रत करने का विधान है,हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है,धार्मिक मत के अनुसार, इस खास अवसर पर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा- व्रत करने से साधक का जीवन सुखमय होता है और सभी प्रकार के दुख और संकट दूर होते हैं,मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष चीजों का दान करने से धन में वृद्धि होती है और सुख-शांति मिलती है.!
1. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद कन्याओं को खीर या हलवा खिलाएं। मां दुर्गा के प्रमुख भोग खीर और हलवा है। कहा जाता है कि इन चीजों का भोग लगाने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सुख-शांति मिलती है।
2. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इससे वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
3. मासिक दुर्गाष्टमी के अवसर पर कपड़ों का दान करना उत्तम माना जाता है। ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
4. अगर आप किसी रोग का सामना कर रहे हैं, तो मासिक दुर्गाष्टमी के दिन किसी को फाल दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
5. अगर आप मां दुर्गा को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इसके लिए मासिक दुर्गाष्टमी के दिन गरीब लोगों को देशी घी का दान दें। ऐसा करने से आर्थिक लाभ प्राप्त होता है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
6. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन अन्न और वस्त्र का दान करना उत्तम माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा से घर में खुशियों का आगमन होता है।
आईये जानते हैं वर्ष 2024 में कब-कब मासिक श्रीदुर्गा अष्टमी हैं.!
18 जनवरी गुरूवार अष्टमी तिथि का समय: 17 जनवरी, 10:07 अपराह्न – 18 जनवरी, 8:45 अपराह्न
17 फरवरीशनिवार अष्टमी तिथि का समय: 16 फरवरी, 08:55 पूर्वाह्न – 17 फरवरी, 8:16 पूर्वाह्न
17 मार्च रविवार अष्टमी तिथि का समय: 16 मार्च, 09:39 अपराह्न – 17 मार्च, 9:53 अपराह्न
16 अप्रैल मंगलवार अष्टमी तिथि का समय: 15 अप्रैल 12:12 बजे – 16 अप्रैल, दोपहर 1:24 बजे
15 मई बुधवार अष्टमी तिथि का समय: 15 मई, सुबह 04:19 बजे – 16 मई, सुबह 6:23 बजे
14 जून शुक्रवार अष्टमी तिथि का समय: 13 जून,09:33 अपराह्न – 15 जून, 12:04 पूर्वाह्न
14 जुलाई रविवार अष्टमी तिथि का समय: 13 जुलाई, दोपहर 15:06 बजे -14 जुलाई,शाम 17:26 बजे
13 अगस्त मंगलवार अष्टमी तिथि का समय 12 अगस्त,सुबह 07:55 बजे 13 अगस्त,सुबह 09:31 बजे
11 सितंबर बुधवार अष्टमी तिथि का समय 10 सितंबर 11:12 अपराह्न 11 सितंबर 11:47 अपराह्न
11 अक्टूबर शुक्रवार अष्टमी तिथि का समय 10 अक्टूबर 12:32 अपराह्न 11 अक्टूबर 12:07 अपराह्न
9 नवंबर शनिवार अष्टमी तिथि का समय: 08 नवंबर 11:56 अपराह्न – 09 नवंबर, 10:45 अपराह्न
9 दिसंबर सोमवार अष्टमी तिथि का समय: 08 दिसंबर, 9:44 पूर्वाह्न – 09 दिसंबर, 8:03 पूर्वाह्न
नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पित ‘Astro Dev’ YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook https://www.facebook.com/astrodev101 पर प्राप्त कर सकते हैं.!