मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
नमो नारायण…..पुरुषोत्तम/अधिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी शनिवार 12 अगस्त 2023 को है. इस एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है.एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ फल देने वाला माना गया है.अधिक मास की अंतिम एकादशी होने के कारण इसको बहुत ही शुभ माना गया है.!
-:”अधिक मास और भगवान विष्णु की पूजा का महत्व”:-
इस समय अधिक मास चल रहे हैं.अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं.पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है.अधिक मास का जब सभी मास ने परिहास उड़ाया तो भगवान विष्णु ने अधिक मास को अपना नाम दिया.इसीलिए इस मास का नाम पुरुषोत्तम मास पड़ा, पुरुषोत्तम मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है.मान्यता है कि अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है.!
-:”पुरुषोत्तम/अधिक मास (कमला) एकादशी शुभ मुहूर्त”:-
श्रावण पुरुषोत्तम/अधिक मास (कमला) एकादशी व्रत शनिवार अक्टूबर 12, 2023 को रखा जायेगा.!
एकादशी तिथि प्रारम्भ – शुक्रवार 11, अगस्त 2023 को प्रातः 05 बजकर 07 मिनट पर
एकादशी तिथि समाप्त – शनिवार 12, अगस्त 2023 को प्रातः 06 बजकर 32 मिनट तक
-:”पुरुषोत्तम मास (कमला) एकादशी व्रत कथा”:-
कथा इस प्रकार है कि अवंतिपुरी में शिवशर्मा नामक एक ब्राह्मण निवास करता था.उसके पांच पुत्र थे इनमें जो सबसे छोटा पुत्र था,वह व्यसनों के कारण पाप क्रम करने लगा इस कारण पिता तथा कुटुंबीजनों ने उसका त्याग कर देते हैं.अपने बुरे कर्मों के कारण निर्वासित होकर वह भटकने लगा दैवयोग से एक दिन वह प्रयाग में जा पहुंचा. भूख से व्यथित उसने त्रिवेणी में स्नान करके भोजन की तलाश करनी आरंभ कि इधर-उधर भ्रमण करते हुए वह हरिमित्र मुनि के आश्रम में पहुँच जाता है. पुरुषोत्तम मास में वहां आश्रम में बहुत से, संत महात्मा एकत्रित होकर कमला एकादशी कथा का श्वण कर रहे होते हैं वह पापी भी पुरुषोत्तम एकादशी की कथा का श्रवण करता है.!
ब्राह्मण विधिपूर्वक पुरूषोत्तम एकादशी की कथा सुनकर उन सबके साथ आश्रम पर ही व्रत किरता है जब रात होती है तो देवी लक्ष्मी उसे दर्शन देती हैं और उसके पास आकर कहती हैं कि “हे ब्राह्मण पुरूषोत्तम एकादशी के व्रत के प्रभाव से मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूं तथा तुम्हें वरदान देना चाहती हूं. ब्राह्मण देवी लक्ष्मी से एकादशी व्रत का माहात्म्य सुनाने का आग्रह्य करता है, तब देवी उसे कहती हैं कि यह व्रत दुःस्वप्न का नाश करता है तथा पुण्य की प्राप्ति कराता है, अतः एकादशी माहात्म्य के एक या आधे श्लोक का पाठ करने से भी करोड़ों पापों से तत्काल मुक्त हो जाता है. जैसे मासों में पुरुषोत्तम मास, पक्षियों में गरुड़ तथा नदियों में गंगा श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार तिथियों में एकादशी तिथि श्रेष्ठ है.!
-:”पुरुषोत्तम एकादशी का महत्व”:-
अधिक मास भगवान विष्णु का एक प्रिय महीना है,इस महीने में एकादशी का व्रत करने से हजारों यज्ञ के समान फल मिलता है,साथ ही मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है,इसके अलावा यह व्रत मनोरथ पूर्ती के लिए भी शुभ माना गया है,इस बात की मान्यता है कि जो भक्त भगवान विष्णु की असीम कृपा पाना चाहते हैं,उन्हें पुरुषोत्तम एकादशी का व्रत करना चाहिए.!
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