ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टंह च लभ्यते।।
नमो नारायण…..सावन का पवित्र महीना 04 जुलाई 2023 से आरंभ हो चुका है जो 31 अगस्त 2023 तक मनाया जाएगा.इस बार सावन का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि श्रावण मास में 18 जुलाई 2023 से अधिक मास आरम्भ हो चूका है.अधिक मास को मलमास, पुरुषोत्तम मास, संक्रांति मास, मलिम्लुच मास, संसर्प मास आदि नामों से भी जाना जाता है.अधिक मास होने के कारण सावन का महीना इस बार 59 दिनों का होने वाला है.यह महीना महादेव और श्री हरि विष्णु की पूजा-आराधना के लिए सर्वोत्तम माना जा रहा है.!
सनातन पंचाग में बताया गया है कि 365 दिन के सौर-वर्ष में, 15 घटी, 31 पल और 30 विपल होते हैं.वहीं चंद्र वर्ष 354 दिन, 22 घटी, 1 पल और 23 विपल का होता है.इस गणना के अनुसार सूर्य और चंद्र दोनों के वर्षों में हर साल 10 दिन, 53 घटी, 30 पल और 7 विपल का अंतर रहता है.जिसके कारण हर 3 साल में चंद्र वर्ष में 1 महीना जोड़ दिया जाता है.यही कारण है कि उस साल में 12 की जगह 13 महीने हो जाते हैं.यही माह अधिक मास कहलाता है.ऐसा इसलिए करते हैं ताकी सौर वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच अंतर का संतुलन बना रहे.!
इस वर्ष सावन के महीने में अधिकमास के दिनों का समायोजन हो रहा है.जिसकी वजह से श्रावण मास 2 महीने का होने जा रहा है.दिवाकरपंचांग के अनुसार जिस भी माह में 33 दिनों का समायोजन होता है वह माह अपने 30 दिनों की बजाय उससे दोगुना हो जाता है. चंद्र वर्ष के अनुसार हर तीन साल में अधिक मास लगता है.अधिक मास को उसी माह में वापस लगने या एक चक्र पूरा करने में 19 साल का समय लगता है.जैसे इस साल 2023 में अधिक मास श्रावण मास में बना है,वैसे ही अगली बार अधिक मास भाद्रपद में देखने को मिलेगा.श्रावण अधिक मास, भगवान शिव, भगवान विष्णु की उपासना के साथ ही मंत्र तंत्र साधना के लिए भी बहुत उत्तम माना जाता है.!
15 अगस्त 1947 दिन शुक्रवार को श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी.!
पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा
सूर्योदय 06:06 AM, सूर्यास्त 06:56 PM
चन्द्रोदय 04:24 AM, चन्द्रास्त 06:24 PM
इस बार हिंदू पंचाग के अनुसार 15 अगस्त 2023 की तिथि विक्रम संवत् 2080, शक संवत् 1945,माह श्रावण पक्ष कृष्ण तिथि चतुर्दशी 12:45:13 तक सूर्योदय 05:49:55 सूर्यास्त 19:00:58 को मनाया जाएगा.!
भारत वर्ष के लिए शुभ रहेगा श्रावण अधिकमास
इस माह भारत देश को साम्रिक, वैश्विक पटल पर फायदा होगा.राजनैतिक रूप से भारत को लाभ होता दिखाई दे रहा है.देश का पूरी दुनिया में वर्चस्व बढ़ेगा, मान-सम्मान में वृद्धि होगी, भारत को शोध के क्षेत्र में कोई बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकती है.!