Sawan Pradosh Vrat 2023: श्रावण पुरुषोत्तम/अधिकमास प्रदोष व्रत विशेषाङ्क

'ज्योतिर्विद डी डी शास्त्री'

Sawan Pradosh Vrat 2023
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ॐ तत्पुरुषाय विद्महे,महादेवाय धीमहि.तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्.!I

ॐ नमः शिवाय ……श्रावण मास एवं प्रदोष तिथि यह दोनों ही भोलेशंकर को अत्यंत प्रिय हैं.इस वर्ष सावन में अधिक मास की स्थिति होने के कारण दो की जगह चार प्रदोष व्रत शुभ संजोग बन रहा हैं.

श्रावण मास में आने वाले प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है.इस बार सावन में अधिक मास होने के कारण दो की जगह चार प्रदोष व्रत रखें जाएंगे.सावन का तीसरा प्रदोष व्रत 13 अगस्त को है,यह व्रत पुरुषोत्तम/अधिक मास का अन्तिम प्रदोष व्रत हैं,यह प्रदोष व्रत रविवार के दिन होने के कारण रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा.प्रदोष व्रत में संध्या के समय भगवान शंकर जी का शास्त्रोक्त विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.!

-:’पुरुषोत्तम/अधिकमास प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त’:-
रविवार 13 अगस्त को पुरुषोत्तम/अधिकमास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा.त्रयोदशी तिथि 13 अगस्त प्रातः 08 बजकर 20 मिनट से आरम्भ होकर सोमवार 14 अगस्त को प्रातः 10 बजकर 26 मिनट पर सम्पत होगी,रविवार 13 अगस्त 2023 को श्रावण पुरुषोत्तम/अधिकमास के प्रदोष व्रत को संपन्न किया जायेगा है.इस दिन संध्याकालीन समय 19 बजकर11 मिनट से रात्रि 21 बजकर 11 मिनट तक शिव पूजा हेतु विशेष शुभ समय है.!

“शुभ संयोग में श्रावण पुरुषोत्तम/अधिकमास का दूसरा प्रदोष व्रत”
13 अगस्त को श्रावण पुरुषोत्तम/अधिकमास के कृष्ण पक्षीय प्रदोष व्रत पर शिव पूजा के समय सिद्धि योग और पुनर्वसु नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है.यह दोनों ही शुभ फलदायी होते हैं.पुनर्वसु नक्षत्र धन, मान, सम्मान और यश को देने वाला है और इसके स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं. वहीं सिद्धि योग में किए गए कार्य के अनुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं.!

रवि प्रदोष के दिन अपराह्न 15:55 से सिद्धि योग बन रहा है,जो कि सोमवार तक रहेगा.वहीं पुनर्वसु नक्षत्र प्रातः 08 बजकर 26 मिनट से प्रारंभ है.!

-:’प्रदोष व्रत का महत्व’:-
13 अगस्त को रविवार को प्रदोष व्रत आने के कारण यह रवि प्रदोष है.प्रदोष व्रत में विधि-विधान से महादेव की पूजा से जातक को भय-रोगों-शोक से निवृत्ति प्राप्त होती है.तथा सुख और सौभग्य की वृद्धि होती है.इस दिन महादेव के जलाभिषेक करने से समस्त अपकर्मों से निवृत्ति होकर सत्गति प्राप्त होती हैं.!

-:’श्रावण पुरुषोत्तम/अधिकमास रविप्रदोष विशेष उपाय’:-
रवि प्रदोष व्रत का संबंध सीधा सूर्य से होता है.इस व्रत को करने से चंद्रमा के साथ सूर्य भी आपके जीवन में सक्रिय रहता है.चंद्र और सूर्य की शुभता के कारण ग्रहों के दुष्प्रभाव में कमी आती है.अपयश को मिटाने के लिए इस दिन सुबह सूर्य देव को जल में लाल चंदन मिलाकर अर्घ्य दें.!
कुंडली में सूर्य को मजबूत करने से व्यक्ति को कार्यस्थल पर तरक्की और उच्च पद प्राप्त होता है. इसके लिए रवि प्रदोष व्रत के दिन शिवपिंडी का गन्ने के रस से अभिषेक करें एवं लाल पुष्प {फूल} अर्पित करने से आर्थिक क्षेत्र उन्नति मिलेगी.!
इस दिन पूर्व दिशा की ओर मुँह करके आदित्य ह्दय स्तोत्र का पाठ करने से आरोग्य के साथ लंबी आयु का वरदान मिलेगा.!
-:इस दिन शिव जी (शिव जी के प्रतीक) के साथ माता पार्वती की पूजा होती है.!
-:अधिक मास के प्रदोष व्रत की पूजा 100 गुना अधिक फलित होती है.!
-:इस दिन व्रत रखने से न सिर्फ आयु बढ़ती है बल्कि स्वास्थ्य बेहतर होता है.!
-:इस दिन पति-पत्नी दोनों ही व्रत रखते हैं तो वैवाहिक जीवन सुखमय बनाता है.!

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नोट :- ज्योतिष अंकज्योतिष वास्तु रत्न रुद्राक्ष एवं व्रत त्यौहार से सम्बंधित अधिक जानकारी ‘श्री वैदिक ज्योतिष एवं वास्तु सदन’ द्वारा समर्पित ‘Astro Dev’ YouTube Channel & www.vaidicjyotish.com & Facebook Pages पर प्राप्त कर सकते हैं.II

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