योग के प्रकार की बात करें तो योग में कई तरह के अभ्यासों और तरीकों को शामिल किया गया है। योग का पहला प्रकार ज्ञान योग या दर्शनशास्त्र के नाम से जाना जाता है। ज्ञान योग में अध्ययन व अध्यापन पर जोर दिया जाता है। विशेषकर दर्शनशास्त्र पर, यह किसी भी क्षेत्र में हो सकता है। इसके बाद नंबर आता है भक्ति योग जिसे भक्ति-आनंद का पथ के नाम से भी जाना जाता है। 

योग

इस खंड में हम योग के बारे में विस्तार से जानेंगे। जैसा की हम सब जानते हैं। योग हमारे जीवन व शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। योग से न केवल हमारी शारीरिक क्षमता का विकास होता है। अपितु यह हमारे ज्ञानेंद्रियों को भी प्रभावित करता है। इस लेख में हम योग क्या है? योग की उत्पत्ति कैसे हुई?, योग का इतिसाह क्या है?, योग के पीछे का विज्ञान? योग कितने प्रकार का है? और योग के क्या लाभ हैं?

योग के लाभ की बात करें तो इसके कई फायदे हैं। जिसमें से हम कुछ नीचे लिख रहे हैं।

  • संपूर्ण स्वास्थ लाभ – योग करने से आप अपने शरीर को बलवान व तंदुरूस्त रख सकते हैं। इससे आपका शरीर पूर्ण रूप से स्वस्थ्य बना रहता है।
  • वजन में कमी – योग करने से शरीर में अनावश्यक व बढ़ा हुआ वजन खत्म होता है। इससे मोटापे छुटकारा पाया जा सकता है। नियमित योग करने से जातक का वजन सामान्य बना रहा है।
  • चिंता से राहत – योग के चित को शांति मिलती है। जातक चिंता मुक्त हो जाता है।
  • मन की शांति – योग करने से हमें अंतरमन की शांति मिलती है। इससे मानसिक समस्या भी दूर होती है। परंतु यह आपके अभ्यास व ध्यान पर निर्भर करता है।
  • प्रतिरोधक क्षमता में सुधार – योग के करने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। जिससे हम किसी भी तरह की संक्रमण से बचने में मदद करता है।
  • ऊर्जा में वृद्धि – योग (Yoga) से हमारे आंतरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है। इससे हम चुस्त व फुर्तीले बनते हैं। शारीरिक लचीलेपन में भी सुधार होता है।