योग के प्रकार की बात करें तो योग में कई तरह के अभ्यासों और तरीकों को शामिल किया गया है। योग का पहला प्रकार ज्ञान योग या दर्शनशास्त्र के नाम से जाना जाता है। ज्ञान योग में अध्ययन व अध्यापन पर जोर दिया जाता है। विशेषकर दर्शनशास्त्र पर, यह किसी भी क्षेत्र में हो सकता है। इसके बाद नंबर आता है भक्ति योग जिसे भक्ति-आनंद का पथ के नाम से भी जाना जाता है।
अनुलोम विलोम (Anulom Vilom) एक तरह से नाड़ी शोधन क्रिया के तरह ही काम करता है। आप यह भी कह सकते हैं कि ये दोनों समान हैं। यह शारीरिक शुद्धि क्रिया है, जिसमें सांस के माध्यम से इसे किया जाता है। इस लेख में हम अनुलोम विलोम क्या है?, इसे कैसे करें?, अनुलोम विलोम करते समय किन बातों का ध्यान रखें? और अनुलोम विलोम करने के क्या लाभ हैं? इसके बारे में जानेंगे। तो आइये जानते हैं अनुलोम विलोम के बारे में –
यदि अनुलोम विलोम का शाब्दिक अर्थ देखा जाए तो अनुलोम का अर्थ है सीधा और विलोम का है उल्टा। यहां सीधा का अर्थ नासिका यानी की नाक से है नाक का दाहिना छिद्र और उल्टे का तातपर्य है नाक के बायें छिद्र से हैं। अनुलोम-विलोम प्राणायाम का एक रूप है इसमें नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचकर, नाक के बायें छिद्र से सांस बाहर छोड़ते हैं। यदि प्रक्रिया दूसरे के लिए भी दोहराया जाता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को कुछ योगीगण नाड़ी शोधक प्राणायाम भी कहते हैं।
सवाल यह उठता है कि अनुलोम विलोम करे कैसे? इस सवाल का जवाब हम यहां दे रहे हैं। नीचे हम अनुलोम विलोम करने की विधि बता रहे हैं, जो आपके लिए काफी सहायक होगा।
सबसे पहले अभ्यासकर्ता को किसी निश्चित पहर का चुनाव करना होता है। शास्त्रों में किसी भी चीज का अभ्यास करने के लिए प्रातःकाल का वक्त श्रेष्ठ माना जाता है। आप योग अभ्यास करने के लिए सुबह के साथ शाम का भी समय तय कर सकते हैं। लेकिन सुबह की ताजी हवा के बीच अनुलोम विलोम (Anulom Vilom) का अभ्यास ज्यादा कारगर तरीके से आपको स्वस्थ रखने का काम करता है।
इस प्रकार अनुलोम-विलोम क्रिया का एक चक्र पूरा हो जाएगा। आप एक समय में पांच से सात बार यह क्रिया कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को आप रोज करीब 10 मिनट करें।
अनुलोम विलोम (Anulom Vilom) करते समय अभ्यास करने वाले व्यक्ति को कुछ सावधानियों का भी ख्याल रखना चाहिए। जिससे वे किसी भी तरह के संभावित समस्या से बच सकें। यहां हम कुछ सावधानियां बताने जा रहे हैं जो आपके लिए लाभप्रद होगें।
अनुलोम विलोम करने के कई लाभ शास्त्रओं में बताए गए हैं जिनमें से कुछ हम यहां आपके लिए दे रहे हैं। जो इस प्रकार हैं-