योग के प्रकार की बात करें तो योग में कई तरह के अभ्यासों और तरीकों को शामिल किया गया है। योग का पहला प्रकार ज्ञान योग या दर्शनशास्त्र के नाम से जाना जाता है। ज्ञान योग में अध्ययन व अध्यापन पर जोर दिया जाता है। विशेषकर दर्शनशास्त्र पर, यह किसी भी क्षेत्र में हो सकता है। इसके बाद नंबर आता है भक्ति योग जिसे भक्ति-आनंद का पथ के नाम से भी जाना जाता है। 

महिलाओं के लिए योग

योग, आज के समय में महिलाओं भूमिका बदल सी गई है यूं कहे की वर्तमान में एक महिला दोहरी जिंदगी जी रही है। यानी की ये घर की ज़िम्मेदारी के साथ बाहरी में दुनिया के प्रति अपने कर्तव्य को अच्छे निभा रही हैं। ऐसे में योग (Yoga) का उनके जीवन में होना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। इन दायित्वों को निभाने के लिए महिलाओं को अधिक ऊर्जावान व संतुलित बनना होगा। जिसमें योग उनकी काफी मदद कर सकता है। योग उन्हें इन चीजों को करने के लिए आवश्यक सभी ख़ूबियाँ प्रदान करेगा। इस लेख में हम कुछ योग के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके अभ्यास आप कर्मयोगी महिलाओं को काफी लाभ होगा। तो आइये जानते हैं योग के बारे में –

योग क्यों है महत्वपूर्ण?

वर्तमान में योग का तेजी के साथ प्रचार प्रसार हुआ है। योग दिवस के रूप में इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। यह सिद्ध हुआ है कि योग के अभ्यास करने से मनुष्य को शक्ति, साहस व संयम के साथ शांति मिलती है। जिससे वह अपने जीवन में कई चीजों को करने व कई क्षेत्रों में सफल हो पाता है। योग हमारे तन के साथ मन को भी मजबूत करने में हमारी सहायता करता है। जिससे हम अपने लक्ष्य तक पहुंच पाते हैं।

महिलाओं के लिए योगासन

यहां हम कुछ योगासन के बारे में जानकारी देने से जा रहे हैं जिनके अभ्यास से निश्चित ही आपको लाभ होगा। यह आपको आंतरिक व बाहरी सुख प्रदान करने में सहायक होगा। तो आइये जानते आपके लिए कौन से योग है फ़ायदेमंद –

प्राणायाम (Pranayam)

प्राणायाम कई प्रकार के हैं परंतु आपको यहां सबसे आसान वाले को करना है। यानी की यह प्राणायाम के सबसे सामान्य प्रकार है परंतु इसका काफी लाभ है। इसे करने के लिए आपको सबसे पहले सुखासन या पदमासन में बैठना है इसके बात आपने हाथों को सीधे धुटने पर रखना है। अब आपको लंबी सांस लेनी है और कुछ समय के लिए रोकने के बाद ओम शब्द का उच्चारण करते हुए सांस को छोड़ना है। ऐसा आप दस से पंद्रह बार कर सकती हैं।

आसन से लाभ – प्राणायाम उन आसनों में से एक है जो आपको मानसिक शांति प्रदान करेगा। इसके साथ ही इससे आपको तनाव से राहत मिलेगा। इसके अभ्यास से आप अपने ज्ञान चक्र  को जागृत करने में सफल हो सकते हैं। प्राणायाम का अभ्यास करने से आपकी सोचने व समझने की क्षमता में इज़ाफा होता है।

कपालभाति (Kapalabhati)

कपालभाति को करने से भी अभ्यासकर्ता को काफी लाभ मिलता है। इस आसन को करने के लिए आपको प्राणायाम के आसन में ही बैठना है इसके बाद आपको संतुलित गति से सांस को भरना है और छोड़ना है। इस क्रिया को आप अपने क्षमता अनुसार कर सकती है। ध्यान रहे सांस लेने व छोड़ने की गति अधिक तेज न हो। दोनों में संतुलन बना रहे।

आसन से लाभ – इस आसन के लाभ की बात की जाए तो महिलाओं के लिए काफी फ़ायदेमंद है। इससे आपके बाल झड़ना बंद हो जाते हैं। महावारी के समस्या से राहत मिलती है। गर्भाशय के गांठों में असरदार साबित होता है।

उत्तानासन (Uttanasana)

इस आसन को करने के लिए आपको सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं, इसके बात सांस लें और नीचे की ओर जाएं। आप आपको अपने हाथों से अपने पिंडलियों (पैर का पिछला हिस्सा ऐड़ी के 4 इंच ऊपर) पर ले जाएं। अब आपको अपने सीने को घुटनों से सटानेकी कोशिश करें। कुछ समय के लिए स्थिति में बने रहे। इस दौरान आपको संतुलित रूप से सांस लेते रहना है। इस आसन को आप 8 से 10 बार दोहराएं।

आसन से लाभ – उत्तानासन का अभ्यास करने से पेट और कमर के आस-पास की बढ़ी हुई चर्बी कम हो जाती है। यह बॉडी को सही शेप में ले आती है। इसके साथ ही यह आसन कंधे और हाथों की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है।

सर्वांगासन (Sarvangasana)

सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले आपको लेट जाना है। इसके बाद आपको अपने पैरों को ऊपर की ओर ले जाना है। फिर अपने पीठ को दोनों हाथों से सहारा दें और अपने पैरों को ऊपर की ओर जितना हो सके उतना ऊपर ले जाएं। ध्यान रहे की आपका कंधा ज़मीन पर ही रहे। इसी के बल आपको खड़े रहना है। इस स्थिति में सामर्थ के हिसाब से बने रहें। सांस लेते व छोड़ते रहना है। सर्वांगासन का अभ्यास दिन में 3-5 बार कर सकते हैं।

आसन से लाभ – सर्वांगासन को चमकदार त्वचा के लिए सबसे उपयुक्त आसन माना जाता है। आसन के अभ्यास से त्वचा की सेहत सुधरती है बल्कि इससे चेहरे की कोशिकाओं में रक्त संचार भी बढ़ता है।

शीर्षासन (Sirsasana)

इस आसन को करने के लिए आपको पहले अपने पीठ के बल लेट जाना है या आप बैठकर अपने सिर को ज़मीन पर रखकर अपने हाथों के सहारे सिर के बल आते हुए अपने पैर को ऊपर सीध में ले जाएं। ध्यान रहे सिर को सीधा रखना है। अपनी क्षमता के अनुसार इस आसन में बने रहें। सुबह शाम आप इसका अभ्यास करें।

आसन से लाभ – झड़ते बालों की समस्या से छुटकारा दिलाता है। इसके साथ ही यह आपके प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है। इसके साथ ही रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।

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