December 21, 2024 8:10 PM

योग के प्रकार की बात करें तो योग में कई तरह के अभ्यासों और तरीकों को शामिल किया गया है। योग का पहला प्रकार ज्ञान योग या दर्शनशास्त्र के नाम से जाना जाता है। ज्ञान योग में अध्ययन व अध्यापन पर जोर दिया जाता है। विशेषकर दर्शनशास्त्र पर, यह किसी भी क्षेत्र में हो सकता है। इसके बाद नंबर आता है भक्ति योग जिसे भक्ति-आनंद का पथ के नाम से भी जाना जाता है। 

योग निद्रा

योग निद्रा, योग कड़ी में यह बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है। इसका अभ्यास करने से आभ्यासकर्ता को आराम मिलता है। शरीर को ऊर्जा का अनुभव होता है। इस लेख में हम योग निद्रा (Yoga Nidra) के बारे में विस्तार जानेंगे। इस लेख में हम बात करेंगे योग निद्रा क्या है?, योग निद्रा का क्या महत्व है?, इसे कैसे करते हैं? इसका क्या लाभ है?  तो आइये जानते हैं योग निद्रा के बारे में –

योग निद्रा क्या है?

योग निद्रा को हम आध्यात्मिक नींद भी कह सकते हैं। यह एक ऐसी नींद है, जिसमें जागते हुए अभ्यासकर्ता सोता है। असल में सोने व जागने के इस मध्य स्थिति को ही योग निद्रा कहते हैं। हम इसे स्वप्न और जागरण के बीच ही स्थिति मान सकते हैं। यह अवस्था अर्धचेतन जैसा है। शास्त्रों के अनुसार देवता इसी निद्रा में सोते हैं। ऐसा माना जाता है कि ईश्वर अनासक्त भाव से संसार की रचना, पालन और संहार करने कार्य इसी योग निद्रा में करते हैं। मनुष्य के सन्दर्भ में अनासक्त हो ईश्वर का संसार में व्यवहार करना योग निद्रा है।

योग निद्रा का महत्व

योग निद्रा (Yoga Nidra) का महत्व आप इसी बात से लगा सकते हैं कि, योग में साधारण रूप से किसी भी क्रिया के बिना आराम करना है। आसन करने के बाद यह बेहद आवश्यक है। इसमें आपके शरीर में आराम मिलता है। योगासन करने से शरीर को गर्माहट मिलता है और यह शरीर को शांत करता है। योग का अभ्यास शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है। योग निद्रा इस ऊर्जा को संरक्षित एवं नियंत्रित करती है। इससे शरीर व मन को विश्राम मिलता है। योग निद्रा लेने से व्यक्ति प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करने के लिए तैयार होता है। ऐसे में यह आवश्यक हैं कि अभ्यासकर्ता योगासन के बाद उचित समय योग निद्रा के लिए निकालें।

योग निद्रा की विधि

यहां हम योग निद्रा कैसे करें इसका विधि दे रहे हैं जो आपके लिए काफी सहायक होगा। इससे आप इस आसन को करने में सक्षम होंगे। विधि इस प्रकार है –
सबसे पहले अभ्यासकर्ता को पीठ के बल शवासन में लेटना होता है। इसके बाद नेत्र बंद कर विश्रामवस्था में चले जाएं। गहरी सांस लें और छोड़े। आपको ध्यान रखना है कि सामान्य तौर पर सांस लेना हैं,  तेजी से सांस न लें।
दूसरे चरण में आपको अपना ध्यान अपने दाहिने पैर के पंजे पर ले जाना है। यहां आपको सेकंड तक अपना ध्यान बनाये रखना है। पंजों को विश्रामावस्था में ले आयें। इसके बाद आपको अपना ध्यान पहले दाहिने गुटने फिर दाहिने जंघा तथा दाहिने कूल्हे पर ले जाना है। अब आप अपने दाहिने पैर के प्रति सचेत हो जाये। यही प्रक्रिया बाएं पैर के लिए भी दोहराएं।

योग निद्रा करने समय रखें इन बातों का ध्यान

योग निद्रा (Yoga Nidra) का अभ्यास करते समय आपको किन्हीं बातों का ध्यान रखना होगा। जिससे आप इस योगासन का अच्छे से लाभ उठा सकेंगे। आइये जानते हैं –

  1. आपको ध्यान रखाना है कि आप अपने शरीर के सभी भागों जननांग, उदर, नाभि और वक्षस्थल पर ध्यान ले जायें। इसके पश्चात अपना ध्यान दाहिने कंधे, भुजा, हथेली, उंगलियों पर ले जाएं। यही प्रक्रिया बाये कंधे, भुजा,हथेली, गर्दन एवं चेहरे और सिर के शीर्ष तक ले जाये। एक गहरी श्वास लें। अपने शरीर में तरंगों का अनुभव करें। कुछ मिनट इसी स्थिति में आराम करें।
  2. आपको अपने शरीर एवं आस-पास के वातावरण के प्रति सचेत होना होगा। वातावरण के साथ तालमेल बनाने की कोशिश करें। इसके बाद आपको दाहिनी ओर करवट लना है कुछ समय इसी स्थिति में लेटे रहें। फिर नाक के बाएं छिद्र से सांस बाहर छोड़ें, इससे आपको अपने शरीर में शीतलता का अहसास होगा। कुछ समय बाद आप धीरे- धीरे उठकर बैठ जाएं। आराम महसूस होने पर अपना नेत्र खोलें।

योग निद्रा के लाभ

योग निद्रा का अभ्यास करने से अभ्यासकर्ता को कई लाभ मिलते हैं। जिनमें से हम यहां कुछ दे रहे हैं, जो इस प्रकार हैं –

  1. योगासन के योग निद्रा (Yoga Nidra) का अभ्यास करने से शरीर को आराम मिलता हैं। शरीर में नव ऊर्जा का आभास होता है।
  2. योग निद्रा का अभ्यास करने से शरीर का तापमान सामान्य बनाने में अध्यासकर्ता को सहायता मिलती है। इसके साथ ही यह योगासन के प्रभाव को अवशोषित कर साधक के तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है।
  3. इस आसन की मदद से शरीर के मांसपेशियों में आए खिंचाव से राहत मिलता है।
  4. योग निद्रा का अभ्यास करने से शरीर के अंग शांत होते हैं। इसके साथ ही प्राण वायु का सुचारु रूप से संचार होता है।
  5. योग निद्रा से अभ्यासकर्ता के मस्तिष्क को शांति व शीतलता मिलती है। जिससे आप तनाव मुक्त होते हैं।