हर धार्मिक स्थान से कई रोचक कहानियां एवं जानकारियां जुड़ी हैं। हमारा उद्देश्य यही है कि हम अपने पाठकों तक इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारियां पंहुचा सकें। हमारे इस खंड में आप भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के बारे में जान सकेंगें।

मुंबई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंबई (Mumbai) नगरी देश की आर्थिक राजधानी है। इस नगर का जितना व्यापारिक महत्व है उससे कहीं ज्यादा धार्मिक महत्व है। इस शहर का नाम भी यहां की देवी मां मुंबा देवी के नाम पर रखा गया है। अरब सागर के किनारे बसा यह नगर कई घटनाक्रमों का साक्षी रहा है। आगे हम मुंबई के इतिहास व यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थानों के बारे जानेंगे।

अन्य धार्मिक स्थल

मुंबई का इतिहास

मुंबई (Mumbai) के मूल निवासी कोली समाज है। माना जाता है कि कोली समाज ने इस नगर को बसाया है। परंतु इस शहर का अस्तित्व सदियों पुराना है। भारतीय पुरातत्व विभाग की माने तो यह नगर पाषाण युग में स्थापित हुआ था। जिसके कुछ अवशेष उत्तर मुंबई के कांदिवली इलाके में पाया गया है। जो स्पष्ट रूप से संकेत करते हैं कि यह शहर पाषाण युग में बसा था। इस द्वीप पर मानव आबादी होने का लिखित साक्ष्य 250 ईसा पूर्व तक का मिलता है। तब इस नगर को हैप्टानेसिया कहा जाता था। इसके बाद तीसरी शताब्दी में यह द्वीप समूह मौर्य साम्राज्य के अधीन आ गया। मौर्य के बाद इस नगर पर सातवाहन साम्राज्य का नियंत्रण रहा। सातवाहन साम्राज्य के बाद 1342 तक इस शहर पर सिल्हारा राज वंश का अधिकार रहा। इसके बाद गुजरात के शासक बहादुर शाह ने नगर को सिल्हारा राज वंश से छीन लिया। पंद्रहवी शताब्दी में शाह से पुर्तगालियों ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। 1661 में किंग चार्ल्स द्वितीय से पुर्तगाल की राजकुमारी का विवाह हुआ। पुर्तगाल के शासक ने मुंबई को दहेज स्वरूप इसे ब्रिटिश साम्राज्य को दे दिया। जिसके बाद यह शहर ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया। 1687 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने सूरत से अपना मुख्यालय स्थानांतरित कर मुंबई में स्थापित किया। जिसके बाद शहर बंबई प्रेसीडेंसी का मुख्यालय बन गया। फिर शहर में कई निर्माण परियोजनाओं को शुरू किया गया। इन्हीं परियोजनाओं में से के एक हॉर्नबाय वेल्लार्ड नामक परियोजना एक रेल परियोजना थी। इसी के जरिए मुंबई (Mumbai) व ठाणे शहर के बीच 1853 में भारत की प्रथम यात्री रेल लाईन की स्थापना हुई। आज भी आर्थिक राजधानी में ब्रिटिश समय के कई इमारत खड़े हैं। जिसमें छत्रपति शिवाजी महराज टर्मिनस और बृहन्मुंबई महानगर पालिका मुख्यालय के इमारत शामिल हैं।

प्रमुख दर्शनीय स्थान

मुंबई के प्रमुख दर्शनीय स्थानों में सबसे पहला धार्मिक स्थान मुंबा देवी का है। इन्हें नगर की गृहदेवी के रूप में पूजा जाता है। इसके बाद आते हैं विघ्नहर्ता भगवान गणेश। यह देव स्थान सिद्धिविनायक मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इनके अलावा मुंबई के दर्शनीय स्थलों में बाबुलनाथ मंदिर और महालक्ष्मी मंदिर मुख्य हैं।

मुंबा देवी मंदिर
मुंबा देवी मंदिर मुंबई के भूलेश्वर इलाके में स्थित है। मंदिर का महाराष्ट्र में बहुत मान्यता है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है। मंदिर की स्थापना कोली समाज के लोगों ने की थी। मंदिर में मुंबा देवी की नारंगी चेहरे वाली रजत मुकुट से सुशोभित मूर्ति स्थापित है। साथ ही अन्नपूर्णा एवं जगदंबा मां की मूर्तियां भी मुंबा देवी के अगल-बगल स्थापित हैं। मंदिर में प्रतिदिन 6 बार आरती की जाती है।

सिद्धिविनायक मंदिर
सिद्धिविनायक मंदिर रिद्धी–सिद्धी करता विघ्नहर्ता भगनाव श्री गणेश का एक प्रसिद्ध मंदिर है। समृद्धि की नगरी मुंबई के प्रभादेवी इलाके में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में हर धर्म के लोग बप्पा का दर्शन करने आते हैं। माना जाता है कि यहां सबकी मुरादें पूरी होती हैं। इस मंदिर की गणना महाराष्ट्र के अष्टविनायकों में नहीं किया जाता है और न ही सिद्ध टेक से इसका कोई संबंध है, फिर भी यहां गणपति पूजा का अपना खास महत्व है।

बाबुलनाथ मंदिर
बाबुलनाथ मंदिर गिरगांव चौपाटी के निकट एक छोटी पहाड़ी पर बना हुआ है। यह नगर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। मंदिर में प्रमुख देवता के रूप में भगवान शिव हैं, जो बबुल के पेड़ के देवता के रूप में स्थापित हैं। मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रतिवर्ष लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। मंदिर की दीवारों तथा खंबों पर पौराणिक कथाओं का चित्रण किया गया है।

महालक्ष्मी मंदिर
महालक्ष्मी मंदिर के नाम पर ही मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल रेल सर्विस के एक स्टेशन का नाम महालक्ष्मी रखा गया है। महालक्ष्मी मंदिर मुंबई के प्राचीन धर्म स्थलों में से एक है। मंदिर के गर्भगृह में महालक्ष्मी, महाकाली एवं महासरस्वती की मूर्तियां स्थापित हैं। यहां केवल कमल का फूल ही मां लक्ष्मी को अर्पित किया जाता है। महालक्ष्मी‍ मंदिर के मुख्य द्वार पर सुंदर नक्काशी की गई है। मंदिर परिसर में विभिन्न देवी-देवताओं की आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित हैं।

कैसै पहुंचे मुंबई
मुंबई शहर वायु, रेल तथा सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

वायु मार्ग
यह शहर देश के सभी प्रमुख एयरपोर्टों से जुड़ा हुआ है। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से देश तथा विदेश की उड़ानों के लिए कई कंपनियां अपनी सेवाएं देती हैं।

रेल मार्ग
मुंबई शहर देश के सभी बड़े मुख्य शहरों से रेल के जरिए जुड़ा है। भारत के किसी भी राज्य से मुंबई आसानी से पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग
यह शहर देश के राजमार्गों से जुड़ा हुआ है। देश के किसी भी कोने से सड़क के जरिए कोई भी मुंबई पहुंच सकता है।